Haryana Election 2024: चुनाव प्रचार में नाबालिग बच्चों की भागीदारी पर रोक, निर्वाचन आयोग ने जारी किए सख्त निर्देश
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 (Haryana Vidhansabha Elction 2024) में नाबालिग बच्चों की चुनाव प्रचार में भागीदारी पर रोक लगा दी है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बाल श्रम अधिनियम 1986 का पालन करने का निर्देश दिया है। आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों को संशोधित बाल श्रम अधिनियम 1986 का कड़ाई से पालन करना होगा
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने के लिए कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में किसी भी तरह नाबालिग बच्चों को भागीदार नहीं बना सकता है।
सभी राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों को बाल श्रम द्वारा संशोधित बाल श्रम अधिनियम, 1986 का कड़ाई से पालन करना होगा। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी कर किए हुए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी चुनाव-संबंधी गतिविधियों में बच्चों की भागीदारिता के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हुए हैं। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हुए हैं कि वे किसी भी रूप में चुनाव अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग न करें, जिसमें पोस्टर, पंपलेट का वितरण के अलावा नारेबाजी, रैलियां, चुनावी बैठकें, वीडियो इत्यादि शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश दिया है। इनमें चुनाव संबंधी गतिविधियों में नाबालिग बच्चों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाया है। राजनीतिक दलों को स्पष्ट रूप से निर्देश हैं कि वे बच्चों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में शामिल न करें।राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से प्रचार गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिसमें प्रचार-प्रसार के दौरान बच्चे को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल करना शामिल है। उपायुक्त ने बताया कि चुनाव प्रचार प्रक्रिया में वोट हासिल करने के लिए नाबालिग बच्चों से कविता, गीत, बोले गए शब्दों के माध्यम से उपयोग करना व प्रतीक चिह्न भी निषेध है।
इसके साथ कोई भी उम्मीदवार अपने या अपने नजदीकी संबंधी के नाबालिग बच्चों की उपलब्धियों को भी अपने चुनाव प्रचार में शामिल नहीं कर सकता। आयोग के सभी चुनाव अधिकारियों और मशीनरी को स्पष्ट रूप से निर्देश है कि वे चुनाव-संबंधी कार्य या गतिविधियों के दौरान नाबालिग बच्चों को शामिल करने से बचें।जिला निर्वाचन अधिकारी ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने प्रचार-प्रसार में नाबालिग बच्चों को इस्तेमाल ना करने के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें।
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