गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राधास्वामी सत्संग दिनोद करेगा वर्चुअल सत्संग
कोरोना वायरस सत्संग कार्यक्रम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं कर पाएगा। 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर राधास्वामी सत्संग दिनोद पहले की तरह ही सत्संग का आयोजन करेगा।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:12 AM (IST)
जागरण संवाददाता, भिवानी: कोरोना वायरस सत्संग कार्यक्रम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं कर पाएगा। 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर राधास्वामी सत्संग दिनोद पहले की तरह ही सत्संग का आयोजन करेगा। फर्क केवल यह होगा कि पहले लाखों प्रेमी गुरु महाराज के सामने बैठ कर सत्संग का आनन्द उठाते थे, अब आध्यात्मिक चैनलों, फेसबुक, यूट्यूब, वाट्स एप आदि के माध्यम से अपने टीवी और मोबाइल पर सत्संग का आनन्द उठाएंगे। गुरु पूर्णिमा के सत्संग को पूर्णतया डिजिटल किया जाएगा, ताकि कोरोना महामारी के चलते सत्संग प्रेमी घर बैठकर ही परमसंत हुजूर कंवर साहेब के वचनों का लाभ उठा सकें।
सतगुरु कंवर साहेब महाराज ने लॉकडाउन में पहले तो रोज प्रात: संगत के लिए ऑनलाइन सत्संग श्रंखला प्रारम्भ की, जिसके तहत उन्होंने 100 सत्संग किए। इन सत्संगों को प्रेमियों तक फेसबुक और यूट्यूब के माध्यम से सीधे प्रसारित किया गया। अब इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए 5 जुलाई को होने वाले गुरु पूर्णिमा के सत्संग को डिजिटली पांच लाख प्रेमियों तक सीधे प्रसारण के द्वारा पहुंचाने का संकल्प लिया गया। यह पहला वर्चुअल सत्संग होगा, जिसे टीवी चैनलों व सोशल मीडिया से 5 लाख लोगों द्वारा सीधे देखा जाएगा। इस संदर्भ में सन्त हुजूर कंवर महाराज बताते हैं कि कोरोना वायरस के कारण समाज में कई तरह की व्याधियों ने घर कर लिया। इनमें डिप्रेशन और दुश्चिंतता के मामलों में ज्यादा वृद्धि हुई। सत्संग जीवन की चिताओं को हर कर मनुष्य के जीवन में सुख और शांति लाता है। उन्होंने कहा कि हमने पूरी कोशिश की कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हम सत्संग और हरि नाम की एंटी बॉडी तैयार करें। उन्होंने कहा कि यह समय चिता का नहीं बल्कि चितन और विमर्श का है। आज हमने अपनी रहनी और करनी को इतना ज्यादा दूषित कर लिया है कि इसका असर प्रकृति और पर्यावरण पर भी स्पष्ट दिखाई देता है। गुरु महाराज ने कहा कि सत्संग देखने और सुनने का नहीं, सत्संग तो करने का होता है। सत्संग करने का अर्थ है सतगुरु के वचन को अपने जीवन में उतार लेना। जो सतगुरु के वचन को जीवन में उतार लेता है, वो नाम की भक्ति में लग जाता है। नाम भक्ति परमात्मा के स्वरूप को आत्मा में बसा लेना है। यही कारण है कि हमने सत्संग प्रेमियों की क्षुधा को देखते हुए 5 जुलाई को होने वाले गुरु पूर्णिमा के सत्संग को वर्चुअल अर्थात डिजिटल करने का संकल्प लिया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।