राजा नाहर ¨सह का इतिहास पढ़ रहे हैं मेट्रो के यात्री
राजा नाहर ¨सह मेट्रो स्टेशन पर उतरने और चढ़ने वाले लोग यहां पर उनके लिखे गए इतिहास के संक्षिप्त विवरण को पढ़ कर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। कई
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : मेट्रो स्टेशन पर उतरने और चढ़ने वाले लोगों को राजा नाहर ¨सह के जीवन चरित्र व उनकी पेंटिंग अपनी ओर आकर्षित कर रही है। स्टेशन का नामकरण राजा नाहर ¨सह के नाम पर ही हुआ है। लोग यहां पर उनके लिखे गए इतिहास के संक्षिप्त विवरण को पढ़कर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
राजा नाहर ¨सह 1857 की क्रांति के अग्रणी योद्धा थे। उन्होंने अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का 1857 की क्रांति में साथ दिया था। बहादुर शाह जफर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी राजा नाहर ¨सह को सौंप गई थी। इस युद्ध में राजा नाहर ¨सह के साथ झज्जर और बहादुरगढ़ के नवाब भी थे। अंग्रेजी सेना राजा नाहर ¨सह की बहादुरी से कांपती थी। अंग्रेजों ने राजा नाहर ¨सह को बहादुर शाह जफर से संधि करने के बहाने लालकिले के अंदर प्रवेश करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया और दिल्ली के चांदनी चौक लालकुआं पर फांसी के फंदे पर लटका दिया था।
नई दिल्ली राजेंद्र पैलेस से मेट्रो में बैठकर आए गौरव, गांव मितरौल जिला पलवल के रहने वाले कन्हैया लाल, प्रदीप कुमार ने कहा कि राजा के इतिहास को पढ़कर उनके जीवन चरित्र के बारे में जानने को मिला। सरकार व मेट्रो प्रशासन ने स्टेशन का नाम राजा के नाम पर रखकर सही मायने में शहीद का सम्मान किया है।