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आगरा नहर किनारे लगा कचरे का ढेर

नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद आगरा नहर किनारे धीरे-धीरे कूड़ा घर बनता जा रहा है। आसपास की सोसायटियों होटल रेस्टोरेंट का कचरा यहां डाला जा रहा है। यह कचरा आगरा नहर के पानी में गिर रहा है और सीधा किसानों के खेतों में पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 27 Jun 2020 05:49 PM (IST)
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आगरा नहर किनारे लगा कचरे का ढेर

जासं, फरीदाबाद : नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद, आगरा नहर किनारे धीरे-धीरे कूड़ा घर बनता जा रहा है। आसपास की सोसायटियों, होटल, रेस्टोरेंट का कचरा यहां डाला जा रहा है। यह कचरा आगरा नहर के पानी में गिर रहा है और सीधा किसानों के खेतों में पहुंच रहा है। बड़ी संख्या में पॉलीथिन होने की वजह से खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार को नहरपार के ग्रामीण कचरे वाली जगह पहुंचे और विरोध जताया।

किसान संघर्ष समिति नहरपार के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने बताया कि नहर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार के सिचाई विभाग की जमीन है। इस जमीन के साथ कई गांव बसे हुए हैं। इस कचरे को पशु खाने लग जाते हैं साथ ही वह पॉलीथिन को भी खा जाते हैं। जिसकी वजह से पालतू पशु बीमार पड़ जाते हैं। बडौली गांव निवासी किसान किरणपाल चंदीला ने बताया कि वह रोजाना पशुओं को चराने के लिए आते हैं, लेकिन कई बार उनके पशु इस कचरे की वजह से बीमार हो चुके हैं। पिछले दिनों एक गोवंश की यहीं पर तड़पते हुए मौत हो गई थी। इस दौरान सुरेंद्र, बलजीत, जयपाल, विजेता, रामपाल, नरेश, सुंदर मौजूद थे। आगरा नहर और इसके साथ लगती जमीन सिचाई विभाग के अंतर्गत आती है। हम इस बाबत उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखेंगे और कचरा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे।

-वीएस रावत, कार्यकारी अभियंता, सिचाई विभाग।

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