वेस्ट को बेस्ट बनाकर घर में लाए हरियाली
हम अक्सर प्लास्टिक की खाली बोतलें टूटा हेलमेट स्कूटर-मोटरसाइकिल कार के टायर टूटा पानी का टब मग या अन्य वेस्ट को बाहर फेंक देते हैं। कभी यह नहीं सोचते कि इस वेस्ट का सदुपयोग कैसे किया जा सकता है।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 08 Jul 2020 04:44 PM (IST)
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद
हम अक्सर प्लास्टिक की खाली बोतलें, टूटा हेलमेट, स्कूटर-मोटरसाइकिल, कार के टायर, टूटा पानी का टब, मग या अन्य वेस्ट को बाहर फेंक देते हैं। कभी नहीं सोचते कि इस वेस्ट का सदुपयोग भी हो सकता है। यदि थोड़ी-सी लगन से मेहनत हो, तो वेस्ट से बेस्ट चीजें बनते देर नहीं लगती। कुछ इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला कार्यक्रम प्रबंधक उपेंद्र सिंह। नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद की रेडवुड रेजीडेंसी में रहने वाले उपेंद्र सिंह और इनकी पत्नी अल्का पेड़-पौधों के शौकीन हैं। इन्होंने घर में इस्तेमाल के बाद वेस्ट चीजों से रंग-बिरंगे 150 से अधिक गमले तैयार कर उनमे विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे रोपे हैं। सभी वेस्ट पर तरह-तरह की चित्रकारी भी की गई है, ताकि ये सुंदर व आकर्षक दिखें। जैसे ही कोई बाहरी इनके घर पहुंचता है, उसे मुख्य द्वार से लेकर अंदर तक जमीन, दीवार पर गमले ही गमले टंगे दिखते हैं। उपेंद्र सिंह यहीं नहीं रुकते, गांव-गांव में भी वेस्ट के सदुपयोग के लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हैं। फरीदपुर गांव सहित अन्य कई गांवों में इनसे प्रेरित होकर लोग इस काम में जुटे हैं। लॉकडाउन का भी किया सदुपयोग : कोरोना संक्रमणकाल में लोगों को अपने घरों मे रहने को काफी वक्त मिला। सभी ने इसका अपने हिसाब से बखूबी इस्तेमाल किया। कुछ ने अपने हुनर को निखारा, तो कुछ अपने घर व पर्यावरण को बेहतर बनाने मे जुटे। उपेंद्र सिंह और इनकी पत्नी अल्का ने भी इस समय का सदुपयोग कर अपने घर को हरा-भरा बना दिया है। उपेंद्र सिंह स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला कार्यक्रम प्रबंधक भी हैं। ऐसे में वे आम दिनो में गांवों में स्वच्छता को लेकर कार्य करते रहते हैं। इन्होंने घर में वेस्ट चीजें जैसे प्लास्टिक की बोतलें, हेलमेट, प्लास्टिक के डिब्बे एवं टायर, बैटरी का कवर, टूटी बाल्टी, मग को गमले का रूप दिया। इनके घर में मुख्य रूप से स्नेक प्लांट, पत्थर चट, गिलोय, एलोवेरा, तुलसी, अजवायन, पुदीना, हल्दी, मनी प्लांट, जेड प्लांट के पौधे लगे हैं। इस कार्य में पत्नी अल्का और बेटा विरल भी पूरा सहयोग दे रहे हैं। बकौल उपेंद्र, पौधों को भी बच्चों की तरह प्यार करें और सभी अपने घरों में वेस्ट चीजों का सदुपयोग जरूर करें।
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