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100 करोड़ की परियोजना: खत्म होगा जल का संकट, 20 साल तक मिलेगा भरपूर पानी; पढ़ें क्या है प्लान

Faridabad News फरीदाबाद के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब यहां के लोगों को पानी का संकट नहीं झेलना पड़ेगा। 100 करोड़ परियोजना के तहत 30 किलोमीटर तक पाइप लाइन डाली जाएगी। बताया गया कि कम से कम 20 साल तक लोगों को भरपूर पानी मिलेगा। इस परियोजना को लेकर अगले महीने से काम शुरू हो जाएगा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

By Susheel Bhatia Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 05 Nov 2024 05:19 PM (IST)
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यमुना का जल लाने के लिए 100 करोड़ की परियोजना के टेंडर इसी महीने हो जाएंगे। जागरण फोटो
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। अरावली पहाड़ी की तलहटी में बसे सेक्टर, कॉलोनी व सोसायटी और एनआईटी क्षेत्र को राहत देने की दिशा में काम शुरू होने वाला है। इन क्षेत्रों में यमुना का जल लाने के लिए 100 करोड़ की परियोजना के टेंडर इसी महीने हो जाएंगे। अगले महीने से काम शुरू होगा। मतलब यमुना नदी से लेकर इन क्षेत्रों तक करीब 30 किलोमीटर लंबी रेनीवेल की लाइन बिछाई जाएगी।

यह लाइन एक हजार एमएम की मोटाई से लेकर 900 एमएम वाली होगी। पहले चरण में 30 एमएलडी पानी रोज आएगा। इससे पांच लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर में पेयजल आपूर्ति की मांग 450 एमएलडी और आपूर्ति 330 एमएलडी हो रही है। एफएमडीए ने नगर निगम व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कुल 22 रेनीवेल टेकओवर कर लिए हैं। बूस्टर तक पानी पहुंचाने का काम एफएमडीए का है। बूस्टर से शहर में पेयजल सप्लाई का जिम्मा नगर निगम का है।

100 करोड़ आएगा लाइन का खर्चा

यमुना नदी किनारे 12 रेनीवेल लगाए जा रहे हैं। 100 करोड़ रुपये की लागत से रेनीवेल लाइन शहर तक बिछाई जानी है। 94 करोड़ की लागत से बूस्टिंग स्टेशन व अन्य काम होंगे। सरकार ने इस परियोजना के लिए कुल 294 करोड़ का बजट पास किया है। रेनीवेल की लाइन बीच में पड़ने वाली नहरों, एक्सप्रेस-वे, हाईवे व अन्य सड़कों के नीचे से निकाली जाएगी।

20 और 30 किलोमीटर तक बिछेगी लाइन

यमुना नदी मोठूका में लगाए जा रहे रेनीवेल से सेक्टर-25 स्थित बूस्टर तक रेनीवेल की लाइन बिछाई जाएगी। यह दूरी करीब 20 किलोमीटर बनती है। इससे एनआइटी के पेयजल किल्लत वाले क्षेत्रों में पानी जाएगा। इस बूस्टर 15 से 20 एमएलडी पानी बढ़ जाएगा। इसके अलावा दूसरी लाइन ददसिया से पहाड़ी इलाकों को पानी देने वाले बूस्टर तक बिछाई जाएगी। इसकी दूरी करीब 30 किलोमीटर है। यहां भी 15 एमएलडी से अधिक पानी बढ़ जाएगा।

यह बताना जरूरी है कि फिलहाल रेनीवेल लाइन से पेयजल सप्लाई हो रही है लेकिन अधिकारी चाहते हैं कि अलग से लाइन बिछाई जाए ताकि यमुना नदी किनारे लगाए जाने वाले रेनीवेल से सीधे पानी शहर के आखिरी छोर तक पहुंच सके। इससे बीच में पेयजल सप्लाई हो लेकर होने वाला भेदभाव नहीं रहेगा।

रेनीवेल का स्टेट्स

यमुना नदी किनारे सभी रेनीवेल लगाए जाने हैं। इनमें से मोठूका में तीन रेनीवेल का काम शुरू हो गया है। अभी तक 60 प्रतिशत काम भी पूरा हो गया है। ददसिया में चार, लालपुर, महावतपुर, और अमीपुर में एक-एक रेनीवेल लगाए जाने हैं। लालपुर, ददसिया और महावतपुर में भी रेनीवेल लगाने का काम शुरू हो गया है। बाकी जगह किसानों से जमीन की खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। एक रेनीवेल लगाने के लिए कम से कम एक एकड़ जमीन की जरूरत होती है।

20 साल तक मिलेगा भरपूर पानी

रेनीवेल लगाने से पहले यह देखा गया था कि 30 से 35 मीटर भूजल स्तर हो। यह भी देखना होता है कि नीचे पानी पर्याप्त है या नहीं। जिससे कम से कम 20 साल या इससे अधिक समय पर पानी मिल सके।

शहर में पानी की है कमी

फिलहाल शहर में पेजयल किल्लत है। मांग व आपूर्ति में अधिक अंतर होने की वजह से शहर की काफी आबादी टैंकरों के पानी पर निर्भर है। नगर निगम द्वारा टैंकर मुहैया नहीं कराए जाते। लोगों को अपने स्तर पर इंतजाम करना होता है। सबसे अधिक दिक्कत अरावली पहाड़ी के आसपास व एनआईटी क्षेत्र में है।

पेयजल मुद्दे को लेकर जनप्रतिनिधि भी आमने-सामने हो जाते हैं। पेयजल सप्लाई को लेकर भेदभाव के आरोप लगते हैं। इसलिए सरकार ने इस योजना को स्वीकृति देकर लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया है। परियोजना के पहले चरण का काम अगले साल पूरा होने की उम्मीद है।

रेनीवेल का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। सभी जगह पानी मीठा मिल गया है। अब लाइन बिछाने का काम भी शुरू करने जा रहे हैं। - अंकित भारद्वाज, कार्यकारी अभियंता, एफएमडीए

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