Faridabad Crime: ठगी का पैसा ट्रांसफर करने के लिए गिरोह को बैंक मैनेजर उपलब्ध करवाते थे फर्जी खाते, सात गिरफ्तार
फरीदाबाद में स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करवाने के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ठगी गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपित मयंक एचडीएफसी बैंक में मैनेजर की नौकरी करता था। वहीं आरोपित कृष्णावीर इंडसइंड बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर नियुक्त है। यह दोनों धोखाधड़ी का पैसा ट्रांसफर करने के लिए फर्जी खाते उपलब्ध करवाते थे।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करवाने के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपये ठगने वाले गिरोह के सात सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों में अमित, सुनील उर्फ राजू, मयंक, सागर, कृष्णावीर, नीरज कुमार और अर्जुन का नाम शामिल है।
आरोपित मयंक एचडीएफसी बैंक में मैनेजर की नौकरी करता था। वहीं आरोपित कृष्णावीर इंडसइंड बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर नियुक्त है। यह दोनों गिरोह के सदस्यों को धोखाधड़ी का पैसा ट्रांसफर करने के लिए फर्जी खाते उपलब्ध करवाते थे।
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ट्रेडिंग के नाम पर साढे 8 लाख की ठगी
आरोपितों के खिलाफ 23 जनवरी को साइबर थाना एनआईटी में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपितों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अमित के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया।
पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद 29 फरवरी को दिल्ली से आरोपी अमित, नीरज, मयंक और सागर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आरोपितों से पूछताछ के आधार पर आरोपित अर्जुन, सुनील तथा कृष्णवीर को भी गिरफ्तार किया गया।
छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेजे गए आरोपी
आरोपितों को अदालत में पेश करके छह दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान सामने आया कि मामले के मुख्य आरोपित अमित और सुनील हैं जो चीन के किसी मेक नाम के व्यक्ति के साथ टेलीग्राम पर संपर्क में थे। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए एक असली कंपनी की वेबसाइट जैसी ही एक फर्जी वेबसाइट बनाकर उसमें ट्रेडिंग करवाते थे तथा जब उसे वेबसाइट में वह व्यक्ति अच्छा खासा पैसा जोड़ देता था तो वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे।
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