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फरीदाबाद में अरावली में कटेगी 700 फार्म हाउस की बिजली, फिर ढहाए जाएंगे

भू माफिया ने अरावली वन क्षेत्र के खोरी में स्थित नगर निगम की जमीन को बेचकर पूरी कॉलोनी बसा दी थी। यहां पांच हजार से अधिक छोटे-छोटे मकान बनाए जा चुके थे। सुप्रीम कोर्ट ने जून 2021 में करीब 80 एकड़ में बसी पूरी खोरी कॉलोनी को तोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 19 Jun 2024 07:43 AM (IST)
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अरावली वन क्षेत्र में बने हुए निर्माण l फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अरावली वन क्षेत्र में अवैध रूप से बने 700 से अधिक फार्म हाउस ध्वस्त किए जाएंगे। इस क्रम में प्रदेश सरकार ने बिजली निगम को इन फार्म हाउसों का बिजली कनेक्शन काटने का आदेश दिया है। अब 20 टीमें गठित कर बिजली निगम कार्रवाई करेगा।

वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी इस मामले को लेकर नगर निगम, जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं। बिजली कनेक्शन काटे जाने के बाद अवैध फार्म हाउसों को ढहाया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट को आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जिला वन अधिकारी सुनील कुमार के अनुसार, जहां कार्रवाई होनी है, उन फार्म हाउस को चिह्नित किया जा चुका है।

5 हजार से अधिक मकानों पर की गई थी कार्रवाई

दरअसल, भू माफिया ने अरावली वन क्षेत्र के खोरी में स्थित नगर निगम की जमीन को बेचकर पूरी कॉलोनी बसा दी थी। यहां पांच हजार से अधिक छोटे-छोटे मकान बनाए जा चुके थे। सुप्रीम कोर्ट ने जून, 2021 में करीब 80 एकड़ में बसी पूरी खोरी कॉलोनी को तोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद 22 दिन लगातार अभियान चलाकर पांच हजार से अधिक मकानों पर कार्रवाई की गई थी।

प्रभावित लोगों ने अरावली वन क्षेत्र में बने सभी निर्माणों को तोड़ने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सुप्रीम कोर्ट ने अरावली वन क्षेत्र में सभी अवैध निर्माणों को तोड़ने का आदेश दिया था। फार्म हाउस संचालकों ने पुनर्विचार याचिका भी दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई, 2022 को अपने पुराने आदेश को बरकरार रखा था।

अरावली वन क्षेत्र में अवैध रूप से बने फार्म हाउसों के बिजली कनेक्शन को काटने का आदेश जारी हुआ है। इसके लिए टीमें गठित की जाएंगी। हमने पुलिस बल की मांग की है। पुलिस बल मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी।

-कुलविंदर सिंह, कार्यकारी अभियंता, डीएचबीवीएन