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हरियाणा की इस सीट पर AAP का उम्मीदवार कर सकता है कोई बड़ा खेला? BJP-कांग्रेस में सीधा मुकाबला

तिगांव विधानसभा क्षेत्र मतदाता संख्या के हिसाब से प्रदेश में सबसे बड़ा है। यहां पर ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक है। अभी तक यहां पर गुर्जर समुदाय के उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होता रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ है।आम आदमी पार्टी ने भी आभाष चंदेला को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

By Subhash Dagar Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 12 Sep 2024 10:09 AM (IST)
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Haryana News: तिगांव विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा?

सुभाष डागर, फरीदाबाद। तिगांव विधानसभा क्षेत्र मतदाता संख्या के हिसाब से प्रदेश में सबसे बड़ा है। यहां पर ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक है। अभी तक यहां पर गुर्जर समुदाय के उम्मीदवारों के बीच ही मुकाबला होता रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ है।

आप आदमी पार्टी (AAP Haryana) ने भी आभाष चंदेला को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। आभाष भी दिल्ली से सटे हुए इलाके व ग्रामीण क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं। चंदेला का गांव बडौली इसी क्षेत्र में पड़ता है। तिगांव विधानसभा क्षेत्र पहले मेवला महाराजपुर का भाग होता था। यह 2009 में अलग से राजनीतिक रूप से अस्तित्व में आया है।

तिगांव सीट पर मतदाताओं की संंख्या तीन लाख 70 हजार के पार

क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 370973 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 167457 और पुरुषों की संख्या 203516 है। विधानसभा क्षेत्र के उत्तर में दिल्ली, पश्चिम में बदरपुर बॉर्डर से सेक्टर-28 तक राजमार्ग, 28 के बाद नीमका तक आगरा नहर पड़ती है। पूर्व में यमुना नदी सीमा है।

दक्षिण में पृथला विधानसभा क्षेत्र के गांव पड़ते हैं। तिगांव क्षेत्र में करीब 40 गांव है। इन गांवों में सबसे ज्यादा गुर्जर समाज के हैं। यहां पर राजपूत, ब्राह्मणों के मत भी अच्छी संख्या में है। भाजपा (Haryana BJP) ने यहां से नागर गोत्र के ही अपने विधायक राजेश नागर को दोबारा से टिकट दिया है। अन्य पार्टियों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों की घाेषणा नहीं की है। क्षेत्र से सही मायने में उम्मीदवारों के मैदान में आने के बाद तस्वीर स्पष्ट होगी।

2009 में  कृष्णपाल और ललित नागर के बीच जबरदस्त मुकाबला

पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो 2009 में भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ था। गुर्जर यहां से दो बार पहले विधायक रह चुके थे और वे प्रदेश के परिवहन मंत्री हरियाणा विकास पार्टी-भाजपा की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के साथ रह चुके थे।

जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे थे। इसके बावजूद कृष्णपाल से ललित नागर मात्र 818 मतों से चुनाव हारे। इस चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर को 135437 और ललित नागर को 134619 मत मिले थे। इसी तरह से 2014 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव राजेश नागर ने लड़ा।

ललित नागर से राजेश नागर को भी हराया

राजेश नागर (Rajesh Nagar) का यह पहला चुनाव था। कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर (Lalit Bagar) दूसरी बार मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर ने भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर को 2938 मतों के अंतर से हरा दिया। ललित नागर को 55408 और राजेश नागर को 52470 मत प्राप्त हुए। 2019 के विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर और भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर के बीच मुकाबला हुआ।

इस चुनाव में राजेश नागर ने ललित नागर को 33841 मतों के अंतर से चुनाव हरा दिया। इस मुकाबले में राजेश नागर को 97126 और ललित नागर को 63285 मत प्राप्त हुए। इस तरह से तिगांव में ज्यादातर सीधा मुकाबला होता है। आभाष चंदेला (Abhash Raj Chandela)इस चुनाव में कितना असर डालते हैं, यह वक्त बताएगा।

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