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Aravalli Hills: वर्षा से खिल उठी अरावली, फूट पड़े झरने; पहाड़ी का सौंदर्य इन दिनों देखते ही बन रहा

इन दिनों अरावली में खोदे हुए तालाब पानी से लबालब हो गए हैं। यहां गजब की हरियाली देखने को मिल रही है। इसका आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी के झरनों पर पहुंच रहे हैं। इन दिनों झरने किसी पिकनिक स्पाट से कम नहीं हैं।

By Parveen Kaushik Edited By: Babli KumariUpdated: Sun, 25 Sep 2022 11:00 AM (IST)
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पहाड़ी का सौंदर्य इन दिनों देखते ही बन रहा
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। लंबे समय तक खनन से छलनी हुई अरावली का सौंदर्य इन दिनों देखते ही बन रहा है। तीन दिन से हो रही वर्षा से अरावली पहाड़ी खिल उठी है। जगह-जगह कल-कल करते हुए झरने फूट पड़े हैं। इनके पास जाते ही केवल झरनों के गिरने की आवाज मन मोह लेती है। पक्षियों की चहचहाहट मन को आनंदित कर रही है। अरावली में खोदे हुए तालाब पानी से लबालब हो गए हैं। यहां गजब की हरियाली देखने को मिल रही है। इसका आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहाड़ी के झरनों पर पहुंच रहे हैं। इन दिनों झरने किसी पिकनिक स्पाट से कम नहीं हैं। बता दें शुक्रवार को जिले में 169 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

चेक डैम हुए लबालब

सेव अरावली संस्था द्वारा अरावली पहाड़ी के अंदर बरेहमी और लटाधारी मंदिर, अनखीर के पास दो चेक डैम बनाए गए थे, ताकि पहाड़ के ऊपर से बहने वाले पानी को यहीं रोका जा सके। चेक डैम करीब 13 फुट गहरा है। संस्था द्वारा यहां 15 फुट लंबा बांध तैयार किया गया, जिसकी बदौलत पानी रुकेगा। तीन दिन से हो रही वर्षा की वजह से बहने वाला पानी अब डैम में भर गया है। इसके माध्यम से पानी जमीन के नीचे भी पहुंच गया है और कई महीने तक डैम में बने रहने की संभावना है। इससे यहां जीव-जंतुओं की प्यास बुझेगी। इसका भूजल स्तर पर भी असर पड़ेगा।

गायब हुए झरनों का ले रहे आनंद

सेव अरावली संस्था के पदाधिकारी कैलाश बिधुड़ी बताते हैं कि परसोन मंदिर अनखीर में झरना जैसे गायब हो गया था। जिस सीजन में काफी वर्षा होती थी तो ये थोड़ा-बहुत बहता दिखाई देता था, लेकिन अब तो पानी का बहाव बहुत तेज है। पाली बनी के मंदिर पर भी बहुत ऊंचा झरना नीचे गिर रहा है। कोट गांव में भी झरना फूट पड़ा है। पहाड़ी के अंदर ऐसे बहुत झरने बह रहे हैं। बड़ी संख्या में आसपास गांव के युवा झरने का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।

बड़खल झील भरती थी झरनों से

सालों पहले परसोन मंदिर से झरने का पानी बहकर बड़खल झील में जाकर मिलता था। इसके अलावा अनखीर, बड़खल गांव के रकबे में आने वाली पहाड़ी के अधिकतर झरने बड़खल झील में जाकर ही मिलते थे। खनन की वजह से जगह-जगह गहरी खान बन गई। झरनों का पानी इन खानों में जाने लगा। उधर वर्षा भी इतनी अधिक नहीं हो पाती। जिसकी वजह से बड़खल झील सूखती चली गई। पिछले साल भी इस तरह के झरने फूटने पर फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने पहाड़ी का निरीक्षण किया था। झरनों के प्राकृतिक प्रवाह को देखा था, ताकि पानी फिर से बड़खल झील तक पहुंच सके। 

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