आयुष्मान कार्डधारकों के लिए जरूरी खबर! निजी अस्पतालों में 1 जुलाई से नहीं करा पाएंगे इलाज
फरीदाबाद के निजी अस्पताल प्रबंधन ने एक जुलाई आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज न करने का एलान किया है। प्रबंधन ने इसके पीछे की वजह सरकार की ओर बकाया का भुगतान न किए जाने को बताया है। प्रदेश के 600 निजी अस्पतालों को सरकार से आयुष्मान योजना के तहत लगभग 200 करोड़ रुपये मिलने हैं। अस्पतालों को कई सालों से समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। आयुष्मान कार्डधारकों का एक जुलाई(डॉक्टर्स डे) से निजी अस्पतालों में इलाज नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से आयुष्मान योजना के तहत भुगतान न किए जाने के चलते निजी अस्पताल प्रबंधन ने इलाज न करने की घोषणा की है।
कई सालों से नहीं मिल रहा समय पर भुगतान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आइएमए) लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रही है, मगर भुगतान नहीं किया जा रहा है। बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में 600 निजी अस्पताल सेवा दे रहे हैं। निजी अस्पतालों को कई सालों से समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है।
निजी अस्पताल प्रबंधन की यह भी नाराजगी है कि बिना ठोस कारण के उनके बिलों में कटौती कर दी जाती है। वर्तमान में निजी अस्पतालों ने सरकार से आयुष्मान योजना के तहत लगभग 200 करोड़ रुपये लेने हैं। जिले के 26 निजी अस्पतालों को लगभग 2.5 करोड़ रुपये लेने हैं। यहां आयुष्मान योजना से जुड़े 5.20 लाख कार्डधारक हैं।
सरकार व स्वास्थ्य विभाग को दिया जाएगा नोटिस
आइएमए साफ्टवेयर में संशोधन करने की भी कर मांग रही है, जिससे उनके द्वारा जारी किए गए बिल में कटौती के कारण का पता चल सके। आइएमए के पदाधिकारियों को 16 मार्च को सरकार की ओर से भुगतान को लेकर आश्वस्त किया गया था, मगर भुगतान नहीं किया गया। आइएमए की आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा ने बताया कि इस बारे में सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग को नोटिस दिया जाएगा।
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24 घंटे में बन जाएगा Ayushman Card, ऑनलाइन आवेदन के लिए फॉलो करें ये स्टेपउप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारकों का छह सरकारी अस्पतालों में भी पूर्णतया निश्शुल्क इलाज किया जाता है। इनमें जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल, बल्लभगढ़ अस्पताल के अलावा कौराली, तिगांव, पाली तथा तिगांव स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज किया जाता है।
सभी कार्डधारकों को बेहतर सेवा का प्रयास किया जाएगा। उनके पास अगर नोटिस आया तो उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया जाएगा।
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