Surajkund Mela: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में उमड़ी दर्शकों की भीड़, शनिवार को डेढ़ लाख लोग पहुंचे
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा। शनिवार को दर्शक अधिक संख्या में आएंगी उसी अनुरूप दृश्य नजर भी आया। अन्य दिनों के मुकाबले सबसे अधिक डेढ़ लाख पर्यटक मेला देखने पहुंचे हैं। दोपहर तक मेला परिसर की पार्किंग भी फुल हो गई। दो फरवरी से शुरू हुए मेला में अभी तक कुल साढ़े पांच लाख पर्यटक मेला देखने के लिए पहुंचे हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला अब अपने यौवन पर पहुंच चुका है। जैसा कि उम्मीद थी शनिवार को दर्शक अधिक संख्या में आएंगे, उसी अनुरूप दृश्य नजर भी आया। अन्य दिनों के मुकाबले सबसे अधिक डेढ़ लाख पर्यटक मेला देखने पहुंचे हैं।
दोपहर तक मेला परिसर की पार्किंग भी फुल हो गई। दो फरवरी से शुरू हुए मेला में अभी तक कुल साढ़े पांच लाख पर्यटक मेला देखने के लिए पहुंचे हैं। मेले में भीड़ देख कर शिल्पियों व अन्य कारोबारियों के चेहरे खिल उठे। उनके उत्पादों की खूब बिक्री हुई।
मौके पर मेला परिसर में पुलिस की तरफ से सुरक्षा-व्यवस्था भी सख्त रही है। जांच के बाद ही पर्यटकों को मेला परिसर में प्रवेश मिला है। रविवार को पर्यटकों की संख्या दो लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। मेला में युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सहित सभी आयु वर्ग के लोग पहुंचे। दोपहर तक मेला की सभी 11 पार्किंग भर गई।
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फूड कोर्ट में करना पड़ा इंतजार
भीड़ का यह आलम रहा कि फूड कोर्ट में सभी तरह के व्यंजनों के स्टाल पर कुछ भी लेने के लिए लोगों को हाथ में पैसे लेकर इंतजार करना पड़ा कि कब उनके खाने का नंबर आएगा। दर्शकों ने हरियाणा की मेथी की कड़ी, दरियागंज का मुगलई खाना, राजस्थान का दाल-बाटी चूरमा व गट्टे की सब्जी, गुजरात का फाफड़ा, खमन-ढोकला, थेपला, गुहाना का जलेबा सहित अन्य व्यंजनों का आनंद किया। झूले पर बच्चे व युवा भी झूलते रहे। दर्शकों ने विदेशी लोक कलाकारों के साथ सेल्फी ली।सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए किया प्रेरित
मुख्य चौपाल व छोटी चौपाल पर देशी-विदेशी कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी है। हरियाणवी हास्य कलाकार मास्टर महेंद्र ने हास्य व्यंग्य से समाज में व्याप्त नशाखोरी समाप्त करने का संदेश देकर युवाओं को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया। हास्य कविता अड़ियल कुत्ता व सड़ियल शराबी के माध्यम से भी नशाखोरी पर प्रहार किया है। असम के कलाकारों ने भैंस के सींग से बना हुआ वाद्य यंत्र तथा मिट्टी से बने विशेष वाद्ययंत्र से कोयल की सुरीली आवाज निकालते हुए पर्यटकों को भाव विभोर कर दिया।
हरियाणवी कलाकार सौरभ अत्री ने श्रीकृष्ण व भगवान राम के भजनों की प्रस्तुति दी। मुख्य चौपाल पर बेलारूस से आये कलाकारों ने शानदार गीत की प्रस्तुति पर पर्यटकों की खूब तालियां बटोरी। अपने ही देश की कलाकार बेहतरीन कलाकार तुलिका पाराशर ने बालीवुड गीतों पर भरत नाट्यम कर मंच पर धमाल मचा दिया।
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