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Delhi Mumbai Expressway News: लापरवाही पड़ी भारी, 20 करोड़ देने की किसकी जिम्मेदारी

Delhi Mumbai Expressway News एनएचएआइ अधिकारियों ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ तालमेल नहीं किया। इस वजह से एक्सप्रेस-वे का निर्माण के दौरान कई सेक्टरों की सीवर लाइन दब गई है। कई जगह पूरा सीवर सिस्टम ठप पड़ा है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली दिनेश चंद्राआर अग्रवाल इंफ्राकाम कंपनी ठप पड़ी सीवर लाइन को दुरुस्त करने में लगी है लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।

By Parveen Kaushik Edited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 03 Sep 2023 03:20 PM (IST)
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Delhi Mumbai Expressway News: लापरवाही पड़ी भारी, 20 करोड़ देने की किसकी जिम्मेदारी
फरीदाबाद, प्रवीन कौशिक। कई बार विकास कार्यों के दौरान विभागीय अधिकारियों के बीच तालमेल का अभाव बहुत बड़ी परेशानी पैदा कर देता है। बाईपास पर निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।

एनएचएआइ अधिकारियों ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ तालमेल नहीं किया। इस वजह से एक्सप्रेस-वे का निर्माण के दौरान कई सेक्टरों की सीवर लाइन दब गई है। कई जगह पूरा सीवर सिस्टम ठप पड़ा है। गंदा पानी इधर-उधर ओवरफ्लो हो रहा है।

सालभर से हजारों परिवार परेशान हैं लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। नई सीवर लाइन डालने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। अब इसी बजट को लेकर एनएचएआइ और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण आमने-सामने हैं।

एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली दिनेश चंद्राआर अग्रवाल इंफ्राकाम कंपनी ठप पड़ी सीवर लाइन को दुरुस्त करने में लगी है, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। बता दें शनिवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री ने भी इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई थी।

दो मंत्री नाराज, फिर भी समाधान नहीं

प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर-62, 63, 64, 65 आते हैं। सबसे अधिक बुरा हाल इन्हीं सेक्टरों का है। सेक्टर-दो के चौराहे से आगे सेक्टर-62 की ओर करीब 3700 मीटर सीवर लाइन एक्सप्रेस-वे के नीचे दब गई है। इससे इन सेक्टरों में रहने वाले हजारों परिवार परेशान हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और परिवहन मंत्री मूलंचद शर्मा ने एनएचएआइ अधिकारियों को कई बार समाधान के लिए कहा लेकिन सुनवाई नहीं हुई। शनिवार को हुई ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष दोनों मंत्रियों ने एनएचएआइ के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की।

सेक्टर-18 में सीवर ओवरफ्लो

एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान एक-दो नहीं बल्कि कई जगह सीवर सिस्टम ठप कर दिया है। सेक्टर-18 में एक्सप्रेस-वे किनारे सीवर लाइन टूट गई है। गंदा पानी भरा हुआ है। पास में रहने वाले लोग परेशान हैं।

आइपी कॉलोनीवासी परेशान

बाईपास किनारे आइपी कॉलोनीवासी डेढ़ साल से सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान हैं। यहां भी एक्सप्रेस-वे के चक्कर में सीवर सिस्टम ठप पड़ा है। गंदा पानी ग्रीनबेल्ट पानी जगह पर भरा है। इस कॉलोनी की यह बैक साइड है।

नई लाइन डालने में लगेंगे 20 करोड़

जहां-जहां लाइन दबी है और ठप है, वहां नई लाइन डालने में करीब 20 करोड़ का खर्चा आएगा। आज से करीब डेढ़ साल पहले यह बजट 16 करोड़ का था। जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने एनएचएआइ से इसकी मांग की थी। लेकिन एनएचएआइ ने बजट अप्रूव नहीं किया

अब यह बजट 20 करोड़ पहुंच गया है। क्योंकि लापरवाही एनएचएआइ की है, इसलिए प्राधिकरण भी बजट देने को तैयार नहीं है।एनएचएआइ केवल सीवर सिस्टम को दुरुस्त करने की लीपापोती में लगा है। अस्थायी समाधान की कोशिश है।

ग्रीवेंस कमेटी में यह मामला कई बार से उठ रहा है लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। एनएचएआइ अधिकारी किसी की सुनवाई नहीं करते। लोग परेशान हैं।

योगेश शर्मा, सेक्टर-62

एक्सप्रेस-वे विकास को गति देगा, लेकिन आसपास के सेक्टरवासियों के लिए परेशानी बन गया है। विभागीय तालमेल के अभाव में आमजन की आफत आ गई है।

दिनेश शर्मा, सेक्टर-62

पहले से ही तय था कि बाईपास पर पेयजल-सीवर लाइन की शिफ्टिंग का बजट एनएचएआइ देेगा। लेकिन बजट नहीं दिया गया है। यदि एनएचएआइ खुद इस काम को करना चाहता है तो कर सकता है लेकिन जल्द निर्णय होना चाहिए। आमजन परेशान हैं।

संदीप दहिया, अधीक्षण अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण

सीवर सिस्टम को दुरुस्त करने का स्थायी समाधान निकाला जाएगा। इस बारे में उच्च स्तर पर बात हो रही है। जल्द आमजन को राहत मिलेगी।

पीके सिंह, प्रोजेक्ट कार्डिनेटर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना

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