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Badminton Asia Team Championship: तीज त्योहार नहीं बस प्रैक्टिस की चिंता ने अनमोल को पहुंचाया आसमान पर, मलेशिया में जीता खिताब

मलेशिया में भारतीय बैडमिंटन टीम को एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में ऐतिहासिक खिताब दिलाने वाली अनमोल खरब सेक्टर-16 की निवासी हैं। अनमोल के संग पिता देवेंद्र खरब मलेशिया गए हुए हैं पर मां राजबाला अपने गृह जिले हिसार के हांसी क्षेत्र के गांव जीता खेड़ी पिछले एक हफ्ते से गई थीं और रविवार शाम को ही लौटीं। माता राजबाला ने अनमोल की सफलता के सूत्र दैनिक जागरण संग साझा किए।

By Susheel Bhatia Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 19 Feb 2024 07:36 AM (IST)
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तीज त्योहार नहीं बस प्रैक्टिस की चिंता ने अनमोल को पहुंचाया आसमान पर
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। जब गली-मोहल्लों में दीपावली पर बच्चे पटाखे छोड़ते थे, तब अनमोल कोर्ट में देर रात प्रैक्टिस करती थीं। जब रक्षाबंधन का दिन होता था और बहनें भाईयों के लिए राखी खरीदने बाजार की रौनक में खो जाती थीं, तब अनमोल के हाथ में रैकेट होता था।

माता बताए अनमोल की सफलता के सूत्र 

प्रैक्टिस करते हुए थक कर कहीं भी सो जाए और फिर तरोताजा होकर खेलने लग जाना। जिस पर ऐसी लगन सवार हो, तो जीत की तरफ बढ़ते कदमों को कौन रोक सकता है। कुछ तरह से अनमोल के पिता देवेंद्र खरब और माता राजबाला ने अनमोल की सफलता के सूत्र दैनिक जागरण संग साझा किए।

मलेशिया में भारतीय बैडमिंटन टीम को एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में ऐतिहासिक खिताब दिलाने वाली अनमोल खरब सेक्टर-16 की निवासी हैं। अनमोल के संग पिता देवेंद्र खरब मलेशिया गए हुए हैं, पर मां राजबाला अपने गृह जिले हिसार के हांसी क्षेत्र के गांव जीता खेड़ी पिछले एक हफ्ते से गई थीं और रविवार शाम को ही लौटीं। राजबाला ने बताया कि किसानों के दिल्ली कूच के चलते वहां इंटरनेट बाधित था, इसलिए वो अनमोल के मैच नहीं देख सकी।

उन्हें तो अगले दिन अखबार के जरिए पता चलता था कि अनमोल ने किस खिलाड़ी को हराया है। राजबाला बताती हैं कि एक बार स्कूल में पांचवीं कक्षा में अनमोल को पीछे के बेंच पर बैठाया गया था, उसे यह रास नहीं आया और पीछे से उठ जिद करके आगे बेंच पर बैठ गई।

पढ़ने में वो अच्छी थीं। इसलिए क्लास टीचर ने उसमें नेतृत्व क्षमता पहचान क्लास का मॉनिटर बना दिया। इस तरह उसने कभी स्वयं को किसी से कमतर नहीं माना। उसका आक्रामक रवैया ही उसे आगे ले जाने में मददगार बना। गर्मी में अभ्यास के दौरान थक कर चूर हो जाती थीं, तब पसीने से तरबतर बेटी अनमोल को मां राजबाला कभी नींबू पानी, कभी छाछ, कभी फ्रूट जूस पिला कर तरोताजा कर देती थीं।

बड़ी उम्र की खिलाड़ियों को हराकर जीतती थीं खिताब

जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के प्रधान डा.अमित भल्ला व महासचिव संजय सपरा ने कहा कि जब भी कोई टूर्नामेंट होता था, तब विजेता खिलाड़ियों की लिस्ट में अनमोल का नाम ऊपर ही होता था ओर वो अपने से बड़ी उम्र की खिलाड़ियों को हराकर खिताब जीतती थीं।

पिछले वर्ष मानव रचना शिक्षण संस्थान ने अनमोल खरब को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया था, तब अनमोल ने वायदा किया था कि आगे भी बड़े खिताब जीत कर अपने जिले, हरियाणा राज्य, मानव रचना व केएल मेहता स्पाेर्ट्स अकादमी का नाम रोशन करेगी और उसने यह कर दिखाया।

रविवार को घर पर मां राजबाला मुंह मीठा करते और करवाते हुए अपनी फोटो खिंचवाने के लिए बड़ी मुश्किल से राजी हुईं। उन्होंने कहा कि फोटो की हकदार उनकी बेटी है, वो नहीं। संजय सपरा साथियों दीपक थापर, राकेश सिंगला व सुनीता सपरा संग मुंह मीठा कराने व बधाई देने पहुंचे थे। मानव रचना के खेल निदेशक सरकार तलवाड़ के अनुसार यह अद्भुत पल हैं। अनमोल ने वास्तव में अनमोल खेल दिखाया।

दैनिक जागरण ने किया था सम्मानित

अनमोल खराब में प्रतिभा को देखते हुए और जिला व राज्य स्तर पर कई टूर्नामेंट जीतने पर दैनिक जागरण ने दो वर्ष पहले 26 जनवरी को राष्ट्रगान देश का मान समारोह में सम्मानित भी किया था।

अनमोल के पिता देवेंद्र खरब कहते हैं कि दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख व नंबर एक अखबार द्वारा एक बड़े मंच पर शहर की प्रमुख हस्तियों के बीच अभिनंदन करने से उनकी बेटी को बड़ा प्रोत्साहन मिला और अपनी मेहनत दोगुनी कर दी।

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