फरीदाबाद में मौत का अंडरपास: हाथ-पैर मारे, फिर भी दलदल में खींच ले गई मौत, बैंक मैनेजर की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
Faridabad Crime News रेलवे अंडरपास में डूबकर कार सवार बैंक मैनेजर और कैशियर की मौत हो गई। अंडरपास में जब उनकी कार गई तो कार में पानी घुस गया। दरवाजा खोलकर दोनों बाहर निकले लेकिन वह अंदर डूबते चले गए। दोनों ने बचने के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन नहीं बच सके। मैनेजर को स्थानीय लोगों ने बचाया लेकिन नहीं बच सके। कैशियर का शव गोताखोरों ने निकाला।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। शुक्रवार दिनभर हुई वर्षा जानलेवा साबित हुई। नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही से दो परिवार ने अपने खो दिए। ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में हुए जलभराव में देर रात एक कार डूब गई। इसमें सवार एचडीएफसी बैंक के मैनेजर (48) व कैशियर (25) की डूबकर मौत हो गई।
मैनेजर के शव को पुलिस ने कुछ ही देर में बाहर निकाल लिया था। कैशियर का शव ढूंढने के लिए पुलिस को एसडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी। गोताखोर स्टीमर लेकर पानी में उतरे। चार घंटे बाद लोहे के जाल की मदद से शव निकाला जा सका।
अंडरपास के पास नहीं थी बैरिकेडिंग
अंडरपास में सात फुट से अधिक पानी जमा था, इसके बावजूद पुलिस की ओर से अंडरपास में बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। इसी को लेकर स्वजन में रोष था। पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम करा स्वजन को सौंप दिया। स्वजन ने नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने की शिकायत एनआईटी थाने में दी है। पुलिस जांच कर रही है।
परिवार के साथ फरीदाबाद में रहते थे
पुन्याश्रय शर्मा मूल रूप से घूरामऊ, संजय नगर सीतापुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले थे। यहां 2019 से ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाईट्स में पत्नी संध्या, 15 साल के बेटे सात्विक और आठ साल की बेटी आरु के साथ रहते थे। वो 2017 से गुरुग्राम सेक्टर-31 स्थित एचडीएफसी बैंक में मैनेजर व उपप्रधान भी थे। वह बैंक के प्रधान भी रह चुके थे।
मैनेजर के साथ जाना था पासपोर्ट ऑफिस
बैंक में भीटी दुबानेका पूरवा, आंबेडकर नगर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले विराज द्विवेदी करीब दो साल से कैशियर थे। वह गुरुग्राम के इफको चौक, ए-31ए में रहते थे। शनिवार को पुन्याश्रय शर्मा को विराज के साथ दिल्ली पासपोर्ट ऑफिस जाना था। इसलिए वह विराज को साथ लेकर अपनी एक्सयूवी-700 में ग्रेटर फरीदाबाद आ रहे थे।
अंडरपास में घुसते ही कार में घुस गया कार
रात को विराज पुन्याश्रय के घर रुक जाते और सुबह दोनों दिल्ली चले जाते। कार विराज चला रहे थे। इधर भारी वर्षा की वजह से ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में काफी पानी भरा हुआ था। जैसे कार अंडरपास में आगे बढ़ी, पानी अंदर घुस गया और कार बंद हो गई।
हाथ-पैर मारे, फिर भी डूब गए
दोनों कार का दरवाजा खोलकर बाहर आए। बचाव के लिए हाथ-पैर मारने लगे, लेकिन गहरे पानी में डूबते चले गए। मौके पर मौजूद स्थानीय युवकों ने मैनेजर को बाहर निकाला। उन्हें एस्कॉर्ट्स फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। विराज की तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं लगा।
गोताखोर की मदद से निकाला शव
मौके पर डीसीपी एनआईटी कुलदीप, डीसीपी ट्रैफिक ऊषा, एसपी मोनिका, थाना एनआईटी प्रभारी सुमेर पुलिस टीम के साथ पहुंच गए। गोताखोर आने पर विराज का शव निकाला जा सका। विराज के गाजियाबाद में रहने वाले बड़े भाई विक्रम का कहना है कि यह हादसा लापरवाही की वजह से हुआ है।
थाना एनआईटी प्रभारी सुमेर ने बताया कि अंडरपास के पास पुलिस की राइडर तैनात खड़ी थी। दूर से कार सवार को रुकने का इशारा भी किया था। कार नहीं रुकी। बैरिकेडिंग के रूप में अंडरपास के एक ओर लाल रंग के कोण रखे गए थे जो पानी में बह गए।