Faridabad:बेटी की ऑनर किलिंग के दोषी पिता और चाचा को उम्रकैद, अरेंज मैरिज कराने के बहाने घर बुलाकर की थी हत्या
Faridabad बेटी की ऑनर किलिंग के दोषी पिता और चाचा को फरीदाबाद कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पिता सोहनपाल ने दोनों की अरेंज मैरिज कराने का वादा करके बेटी को घर बुलाया था और वहीं पर हत्या की थी।
By Harender NagarEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 16 Feb 2023 07:16 PM (IST)
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। बेटी की ऑनर किलिंग के दोषी पिता और चाचा को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमृत सिंह चालिया की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पिता का नाम सोहनपाल है, वे जीआरपी में सब इंस्पेक्टर थे। वहीं चाचा का नाम शिवकुमार है। वे जीआरपी में सिपाही थे। दोनों की तैनाती फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर थी।
कोर्ट ने मामले में सख्त टिप्पणी की
वारदात के बाद सरकार ने दोनों को निलंबित कर दिया था। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऑनर किलिंग में कुछ भी सम्मानजनक नहीं है। यह सामंती मानसिकता और धर्मांध लोगों द्वारा की गई बर्बर और क्रूर हत्या के अलावा और कुछ नहीं है। पुलिस ने यह मामला सोहनपाल की बेटी से प्रेम विवाह करने वाले सागर यादव नाम के युवक की शिकायत पर 22 मार्च 2021 को दर्ज किया था।
कोमल और सागर ने कर थी कोर्ट मैरिज
सागर यादव सेक्टर दो निवासी कोमल से प्यार करते थे। दोनों ने आठ फरवरी 2021 को कोर्ट मैरिज कर ली। अदालत ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई। कोमल के पिता सोहनपाल ने दोनों की अरेंज मैरिज कराने का वादा करके बेटी को अपने घर ले गए। 17 मार्च 2021 को सागर के पास कोमल की मौत की खबर आई।पुलिस को सूचना दिए बिना कर दिया था अंतिम संस्कार
सोहनपाल ने बेटी द्वारा आत्महत्या करने की बात कहकर पुलिस को सूचना दिए और पोस्टमार्टम कराए बगैर शव को अपने गांव पृथला में ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। सागर की शिकायत पर सिटी बल्लभगढ़ थाना पुलिस ने सोहनपाल और शिवकुमार के खिलाफ हत्या का दर्ज किया और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मुकदमा तभी से अदालत में विचाराधीन था।
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वाट्स-एप चैटिंग को कोर्ट ने माना था अहम सबूत
अदालत ने परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोनों को दोषी माना। काेमल और सागर के बीच हुई वाट्स-एप चैटिंग अहम सबूत बनी। घटना वाली रात कोमल ने सागर को वाट्स-एप मैसेज किया था कि उसके पिता और चाचा उसे मारने की योजना बना रहे हैं। अदालत ने यह अहम सबूत माना। पूरी कानूनी प्रक्रिया जानने के बावजूद सोहनपाल द्वारा पुलिस को सूचना न देना और बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार करना भी दोषियों के खिलाफ गया। पुलिस ने कोमल की अस्थियों को डीएनए टेस्ट कराया था, वह भी मैच हो गया था।
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