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Faridabad Durga Puja: 12वीं पास गीता के जिद-जुनून की कहानी, 120 महिलाओं को दे रहीं रोजगार

कठिनाई के बावजूद इन महिलाओं ने किसी के आगे हाथ फैलाना नहीं स्वीकार किया बल्कि खुद मेहनत कर अपने हाथ की लकीर बदलने की कोशिश कर रही हैं।बखूबी उन्हें सफलता भी मिल रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है ग्रेटर फरीदाबाद के गांव भूपानी की रहने वाली गीता चौहान की।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Tue, 27 Sep 2022 05:46 PM (IST)
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गीता के जिद और जुनून की कहानी से उसने कामयाबी की नई दास्ता लिख दी है।
फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]l फरीदाबाद किसी भी काम को करने की जिद, जुनून और जज्बा तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। विषम परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल किया जा सकता है। कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं, जो इसी मूल मंत्र के अनुरूप काम कर जीवन में सफलता की ओर अग्रसर हैं। ऐसी महिलाएं जीवन की विपरीत परिस्थितियों के आगे झुकने की बजाय जूझ रही हैं, लड़ रही हैं और अपना रास्ता खुद बना रही हैं।

कठिनाई के बावजूद हाथ फैलाना नहीं किया स्वीकार 

कठिनाई के बावजूद इन महिलाओं ने किसी के आगे हाथ फैलाना नहीं स्वीकार किया, बल्कि खुद मेहनत कर अपने हाथ की लकीर बदलने की कोशिश कर रही हैं। बखूबी उन्हें सफलता भी मिल रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है ग्रेटर फरीदाबाद के गांव भूपानी की रहने वाली गीता चौहान की।

हरियाणा आजीविका मिशन से जुड़ीं गीता

2016 से पहले परिवार चलाने में आर्थिक परेशानी झेल रही गीता हरियाणा आजीविका मिशन से जुड़ीं। फिर इन्होंने मुड़कर नहीं देखा। आगे बढ़ती चली गई। आज न केवल गीता आत्मनिर्भर बन गई हैं बल्कि 120 अन्य जरूरतमंद महिलाओं को ग्रुप से जोड़कर रोजगार दिला दिया है। सभी महिलाएं अपने परिवार का पालन-पोषण बेहतर ढंग से कर पा रही हैं।

मेलों में लगाती हैं स्टाल

गीता सूरजकुंड मेले, पशु मेला, ट्रेड फेयर व अन्य जिलों में लगने वाले मेलों में अपना स्टाल लगाकर अपनी पहचान बना चुकी हैं। गीता अपने इस हुनर से सरकार से कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। गीता बताती हैं उसने 10वीं तक की पढ़ाई की थी। घर में सामान बनाने के साथ-साथ 2017 में 12वीं कक्षा पास की।

ग्रुप का हो रहा विस्तार

गीता के अनुसार पहले उनका ग्रुप 10 महिलाओं का था, लेकिन अब इसका बहुत विस्तार हो चुका है। अब वे कई ग्रुप से जुड़ी हैं और इसमें हजार महिलाएं हैं। अब उन्हें अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता है। वे चाहती हैं कि हर जरूरतमंद महिला ऐसे ग्रुप से जुड़े और आत्मनिर्भर बने।

छह साल पहले गीता चौहान ने शुरू किया था अचार और स्कूल बैग बनाने का काम l भूपानी गांव की रहने वाली गीता हरियाणा आजीविका मिशन से जुड़ीं l अपने ग्रुप से जोड़कर 120 जरूरतमंद महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

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