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फरीदाबाद में करोड़ों की लागत के सुंदरीकरण के बाद भी बदहाल हैं चौहारे, सुध लेना भूले अधिकारी

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करोड़ों का बजट आया लेकिन सही प्रकार से काम नहीं हुआ। सड़कों के निर्माण से लेकर लगभग हर काम पर सवाल खड़े किए गए। लेट-लतीफी अलग हुई। ऐसा ही हाल हाईवे के चार स्मार्ट चौराहों का है। बता दें इस योजना का मकसद था कि बाहर से आने वालों को औद्योगिक नगरी स्मार्ट शहर के रूप में दिखाई दे।

By Parveen Kaushik Edited By: Nitin YadavUpdated: Sun, 03 Dec 2023 08:45 AM (IST)
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फरीदाबाद में करोड़ों की लागत के सुंदरीकरण के बाद भी बदहाल हैं चौहारे।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करोड़ों का बजट आया, लेकिन सही प्रकार से काम नहीं हुआ। सड़कों के निर्माण से लेकर लगभग हर काम पर सवाल खड़े किए गए। लेट-लतीफी अलग हुई। ऐसा ही हाल हाईवे के चार स्मार्ट चौराहों का है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चार चौराहों का सुंदरीकरण करीब दो करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। कुछ ही दिन बाद चौराहे बदहाल हाे गए। अब इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। स्मार्ट सिटी अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं और इनकी देख-रेख का जिम्मा एनएचएआइ का बता रहे हैं।

बता दें इस योजना का मकसद था कि बाहर से आने वालों को औद्योगिक नगरी स्मार्ट शहर के रूप में दिखाई दे।

यहां बने थे स्मार्ट चौराहे

हाईवे पर बड़खल फ्लाईओवर के नीचे, ओल्ड फरीदाबाद, अजरौंदा और बाटा फ्लाईओवर के नीचे चौराहों का सुंदरीकरण किया गया था।

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ये काम हुए थे यहां

चौराहों पर लोहे की ग्रिल लगाई गई थी। अंदर पौधारोपण किया गया। पांच से सात फुट ऊंचे पौधे लगाए गए। चौराहों की खोदाई कर घास ऊगाने के लिए साफ मिट्टी और देसी खाद डाली गई। आमजन के बैठने के लिए बेंच भी रखे गए थे। अंधेरा दूर करने के लिए लाइटें लगाई गई। चौराहों के चारों ओर फूलदार व महकदार पौधे लगाए गए। लुभावनी पेंटिग भी की गई। शौचालय रखवाए गए। ताकि यहां से गुजरने वाले लोग इनका प्रयोग कर सकें।

चारों चौराहों को स्मार्ट बनाकर एनएचएआइ के हवाले कर दिया था। अब इनकी देख-रेख एनएचआइ करेगा।-अरविंद शेखावत, उपमुख्य प्रबंधक, स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी

अब क्या हाल हुआ

चारों चौराहें बदहाल हो चुके हैं। यहां मिट्टी और कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। हरियाली के नाम पर कुछ पौधे लगे हुए हैं, वह भी धूल से अटे हुए हैं। इन्हें कभी पानी नहीं दिया जाता। शौचालयों की हालत खराब है। ग्रिल टूट गई है।

इस वजह से बेसहारा पशु बैठे रहते हैं। कहीं भी बैठने की जगह नहीं बची है। सभी चौराहों पर पुलिस बूथ बन चुके हैं। चौराहों पर पुलिस की गाड़ियां खड़ी होती हैं। लोग यहीं पर पेशाब करते हुए नजर आते हैं। यहां दीवारों पर पेंटिंग तो की हुई है लेकिन अब खराब हो चुकी है।

चौराहों की दशा जल्द सुधारी जाएगी। यहां पौधारोपण किया जाएगा। जहां मिट़्टी व कचरा है, उसे उठवा दिया जाएगा।- वैभव शर्मा, परियोजना प्रबंधक, क्यूब हाईवे, एनएचएआइ

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