फ्लैट खाली करने की आड़ में नर्स ने शव को लगाया ठिकाने, शव जंगल में फेंका; मां-बेटे गिरफ्तार
फरीदाबाद में नर्स संगीता ने पति हरवीर की हत्या कर शव को ठिकाने लगाया। उसने बेटे के दोस्त की गाड़ी में सामान के साथ शव को जंगल में फेंक दिया। 40 दिन पहले फ्लैट से झगड़े की आवाजें आई थीं। हरवीर का शव सूरजकुंड रोड पर मिला। हत्या का आरोप संगीता और उसके बेटे साहिल पर है।
दीपक पांडेय, फरीदाबाद। फरीदाबाद के सेक्टर-75 की टेरा लविनियम सोसायटी में रहने वाली नर्स संगीता ने पति हरवीर की हत्या करके न सिर्फ पवित्र रिश्तों का कत्ल किया। बल्कि सुबूत मिटाने की पटकथा भी तैयार कर ली थी। आरोपित संगीता ने बेटे के दोस्त की गाड़ी मंगाई और घर बदलने की बात कह कर घरेलू सामान उसमें रखवाया।
इसी सामान की आड़ में बोरे में रखा शव भी गाड़ी में डाल दिया और फिर मौका मिलते ही जंगल में फेंक आए। इसके बाद वे हरिद्वार चले गए। सोसायटी के फ्लैट नंबर 308 में रची-बुनी गई हत्या के इस कहानी को जब स्थानीय लोगों ने शुक्रवार सुबह अखबारों में पढ़ा तो उन्हें 40 दिन पहले का माजरा समझ में आ गया।
स्थानीय निवासियों के अनुसार 11 जुलाई की रात को काफी देर तक फ्लैट से चिल्लाने की आवाज आती रही थी। उस दिन हरवीर और उनकी पत्नी में झगड़ा हुआ था, लेकिन किसी को यह भी अंदाजा नहीं था कि पति-पत्नी का यह झगड़ा कत्ल का रूप ले लेगा।
यह बता दें कि अजरौंदा गांव के मूल निवासी हरवीर का शव पुलिस ने सूरजकुंड रोड पर स्थित सिद्धदाता आश्रम के पास जंगल से बरामद किया था। हरवीर की हत्या के आरोप पत्नी संगीता, बेटे साहिल पर लगे हैं। इसमें संगीता की बहन ज्योति का नाम भी सामने आ रहा है।
हरवीर के भाई कुलवीर का कहना है कि 11 जुलाई को संगीता, साहिल और हरवीर के बीच में झगड़ा हुआ था। स्वजन को यह जानकारी आसपास रहने वाले लोगों से मिली। झगड़े के दौरान ही संगीता ने चिल्लाकर साहिल से हरवीर को मारने के लिए कहा था।
स्वजन का कहना है कि हत्या में पूरी तरह से संगीता जिम्मेदार है। संगीता ने पति हरवीर के फोन से उनके स्वजन को संदेश भेजा था कि वह विदेश गए हैं। अजरौंदा में रहने वाले ससुराल पक्ष के लोग 40 दिन तक यही समझते रहे कि हरवीर विदेश में है, पर जब थोड़ा शक हुआ और पुलिस को शिकायत दी तो मामला खुल गया।
चार लेयर में कवर था शव
11 जुलाई को हत्या के बाद मां-बेटे ने हरवीर के शव को चार लेयर से कवर किया था। पहले उसको पालीथिन से लपेटा गया। इसके बाद चादर डाली गई। फिर ऊपर से कंबल डालकर बोरी में डाला गया। इसके बाद साहिल ने अपने दोस्त की गाड़ी यह कह कर मंगाई कि उसे मकान शिफ्ट करना है।
इसमें घरेलू सामान लोड कराया और उसी की आड़ में बोरे में रखा शव भी डाल दिया। शव को इतना अधिक कवर किया गया था कि जंगली जानवरों को भी आसानी से कोई महक नहीं आए। निशानदेही पर शव वाला बोरा खोलने में ही करीब आधा घंटे लग गए।
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