Faridabad: लिफ्ट में तीन घंटे तक फंसा रहा आठ साल का मासूम, डर भगाने को पढ़ी हनुमान चालीसा; पूरा किया होमवर्क
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों लिफ्ट में लोगों के फंसने की घटना आम हो गयी है। बीते दिनों दो अलग-अलग मामलों में दो बच्चे लिफ्ट घंटों फंसे रहे जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। ओमेक्स हाइट सेक्टर-86 में घर से ट्यूशन के लिए निकले आठ वर्षीय का मासूम बच्चा लिफ्ट में फंस गया। लिफ्ट में सवार होने के बाद बच्चे ने जैसे ही बटन दबाया।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटी में लिफ्ट में लोगों के फंसने की घटनाएं आम हो गई हैं। फरीदाबाद की ओमेक्स हाइट्स सेक्टर-86 में एक बच्चा लिफ्ट में दो घंटे से अधिक तक बंद रहा था। बच्चे के स्वजन ने आरडब्ल्यूए पर लिफ्ट का समय से मेंटेनेंस नहीं कराने का आरोप लगाया है।
ओमेक्स हाइट सेक्टर-86 में घर से ट्यूशन के लिए निकले आठ वर्षीय का मासूम बच्चा लिफ्ट में फंस गया। लिफ्ट में सवार होने के बाद बच्चे ने जैसे ही बटन दबाया। लिफ्ट दूसरे फ्लोर पर जाकर अटक गई थी।
तीन घंटे लिफ्ट में फंसा रहा बच्चा
बच्चा तीन घंटे लिफ्ट में फंसा रहा था। इस दौरान बच्चा लिफ्ट का दरवाजा पीटकर मदद के लिए पुकारता रहा था। बच्चे के पिता पवन चंदीला ने बताया कि वह यहां स्टूडियो अपार्टमेंट में चौथी मंजिल पर रहते है। शनिवार को उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी।
मां की तबीयत खराब होने से अकेले निकला था गर्वित
इसके चलते उनका बेट गर्वित अकेले ही ट्यूशन के लिए निकल गया और शाम को साढ़े सात तक घर वापस नहीं आने पर गर्वित की मां ने ट्यूशन में फोन लिया। अध्यापक ने बताया कि गर्वित ट्यूशन नहीं आया। इसके बाद अभिभावक घबरा गए और सोसायटी में बच्चे को ढूंढने लगे।
जब बच्चा सोसायटी में कहीं नहीं मिला तो लोगों ने लिफ्ट में बच्चे की तलाशी शुरू की और आवाज देने पर बच्चे ने बताया कि वह अंदर लिफ्ट में फंस गया है। जिसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी सिक्योरिटी गार्ड को दी, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड सोसायटी के लोगों की मदद नहीं कर पाया।
काफी मशक्कत के बाद खुली लिफ्ट
काफी मशक्कत के बाद लिफ्ट का दरवाजा खोला गया। पवन चंदीला ने बताया कि वह पुलिस के पास आरडब्ल्यूए की शिकायत के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने फटकार कर वापस भेज दिया गया।
लिफ्ट में करता रहा होमवर्क
पवन चंदीला ने बताया कि उनका बेटा गर्वित लिफ्ट में बंद होने के बाद घबराया नहीं, बल्कि शांत रहा है और लिफ्ट के अंदर ही स्कूल द्वारा दिया गया गृह कार्य करने लगा। उसने मोबाइल नंबर और लिफ्ट पर लिखे आपात कालीन नंबरों को लिखा। इसके अलावा उसने हनुमान चालीसा का भी पाठ किया।