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'...तो मेरे बच्चे जिंदा होते', छज्जा गिरने से तीनों औलादों को गंवाया; अब पिता के इस बयान ने सभी को झकझोरा

फरीदाबाद (Faridabad News) में शुक्रवार को एक पीड़ादायक घटना सामने आई। जिसमें छत का छज्जा गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई। अब इस हादसे के बाद पीड़ित पिता का बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर मालिक समय पर जर्जर छज्जे की मरम्मत करा देता तो मेरे बच्चे आज जिंदा होते। आरोपी मकान मालिक फिलहाल फरार है। पुलिस की एक टीम तलाशी में जुटी है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 06 Jul 2024 03:59 PM (IST)
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Faridabad Crime News: फरीदाबाद में तीन बच्चों को खोने के बाद पिता का बयान। जागरण
 प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। यदि मकान मालिक समय पर जर्जर मकान की मरम्मत करा देता तो आज मेरे बच्चे जिंदा होते। इस मकान का दो हजार रुपये महीना किराया देता हूं। यह मकान काफी समय से जर्जर हाल में है। इस बारे में मालिक राकेश को पहले भी कई बार मरम्मत कराने के लिए बोला था लेकिन वह नहीं माना।

एक-दो दिन में ठीक कराने की करता था बात-पीड़ित पिता

हमेशा एक-दो दिन में ठीक कराने की बात बोलता था। कोई न कोई बहाना बनाकर मरम्मत कार्य टाल रहा था। जर्जर मकान के छज्जे के नीचे दबकर मरे मेरे तीनों बच्चों की मौत का जिम्मेदार मकान मालिक राकेश है। सीकरी गांव में बीती देर शाम छज्जा गिरने से मौत का शिकार हुए तीन बच्चों के साथ हुए हादसे के बाद मृतक बच्चों के पिता धर्मेंद्र ने यह बात कही।

आरोपी राकेश घटना के बाद से फरार

सेक्टर-58 थाने (Faridabad Police) में पीड़ित की शिकायत पर आरोपित मकान मालिक राकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। राकेश घटना के बाद से फरार है। पुलिस की एक टीम उसका पता लगा रही है। उधर शनिवार दोपहर को बच्चों के शव का अंतिम संस्कार कराकर स्वजन को सौंप दिया।

ऐसे हुआ हादसासेक्टर 58 थाने में मूल रूप से गांव तालगंगौर तहसील सैकुरा जिला सैकुरा, बिहार का रहने वाला धर्मेंद्र यहां सीकरी गांव में राकेश के मकान में करीब तीन साल से रह रहा था। परिवार में पत्नी सीता और पांच बच्चे हैं। तीन बेटी व दो बेटे। धर्मेंद्र ने बताया कि पांच जुलाई की देर शाम आठ साल की बेटी मुस्कान, छह साल का बेटा आदिल व 10 साल का बेटा आकाश मकान के बाहर खेल रहे थे।

अचानक मकान का छज्जा तीनों बच्चों के ऊपर गिर गया। बच्चे दब गए। चिल्लाने की आवाज सुनकर वह कमरे से बाहर निकले। बच्चों को मलबे के नीचे से निकाला, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने इस लापरवाही का सीधा आरोप मकान मालिक राकेश पर लगाया है।

नहीं रुक रहे आंसू

एक साथ एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत बहुत बड़ा हादसा है। हादसे के बाद से ही मृतक बच्चों के पिता धर्मेंद्र व उसकी पत्नी सीता का रो-रोकर बुरा हाल है। वह उस समय को कोस रहे हैं, जब बच्चे एक साथ बाहर खेल रहे थे।

शनिवार को बादशाह खान अस्पताल की मोर्चरी में जब पोस्मार्टम कराकर तीनों बच्चों के शव स्वजन को सौंपे तो पिता धर्मेंद्र फिर से दहाड़े मारकर रोने लगा। बेशक पीड़ित लोग प्रवासी हैं लेकिन पूरे सीकरी गांव में यह मामला चर्चा बना रहा। जिसने भी सुना, वह हैरान रह गया। लोग बस यही कहते हुए नहर आए, बहुत बुरा हु़आ बेचारे के साथ।

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