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फरीदाबाद सीमा में बसे 1400 परिवारों के लिए राहत की खबर, सीएम मनोहर लाल ने किया बड़ा एलान

फरीदाबाद सीमा में बसे 1400 परिवारों को सरकार डबुआ कालोनी में बने बनी सोसायटी में फ्लैट देकर पुनर्वास कराएगी। मुख्यमंत्री की ओर से आए ऐसे संदेश के बाद जिला प्रशासन अब आगे की कार्रवाई में जुट गया है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 01 Jul 2021 03:48 PM (IST)
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की फाइल फोटो
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। अरावली क्षेत्र में अवैध रूप से बसी खोरी बस्ती में बुधवार को दिन भर रही तनाव की स्थिति के बीच खोरी के फरीदाबाद सीमा में बसे 1400 परिवारों के लिए राहत की खबर यह आई कि सरकार उनका डबुआ कालोनी में बने बनी सोसायटी में फ्लैट देकर पुनर्वास कराएगी। मुख्यमंत्री की ओर से आए ऐसे संदेश के बाद जिला प्रशासन अब आगे की कार्रवाई में जुट गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से यह बयान आया है कि खोरी के 3400 व्यक्ति यानी करीब 1400 परिवार प्रशासनिक सर्वे में ऐसे निकले हैं, जिनका संबंध हरियाणा से है। बाकी लोग दिल्ली के हैं और दिल्ली के ही वोटर हैं।

हरियाणा के ऐसे लोगों को डबुआ कालोनी में फ्लैट दिए जाएंगे और उनके लिए बैंकों से भी ऋण दिलाने की बात भी की जाएगी, ताकि किस्तों पर फ्लैट ले सकें। फरीदाबाद नगर निगम सीमा में बसे लोगों के पुर्नवास की घोषणा के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने अब आगे की तैयारी शुरू कर दी है।

निगमायुक्त डा.गरिमा मित्तल ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से जैसे निर्देश आएंगे, उसी अनुसार पुर्नवास योजना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि पूरे मामले की समीक्षा की जा रही है और कार्रवाई तो अवश्य की जाएगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में छह सप्ताह में इसकी रिपोर्ट पेश की जानी है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर होनी है कार्रवाई

सात जून को सुप्रीम कोर्ट ने अरावली क्षेत्र खोरी बस्ती में अवैघ निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे और साथ नगर निगम को छह हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा था। नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने यहां कार्रवाई संबंधी मुनादी करा दी थी। नोटिस भी चस्पा किए गए थे। इसके बाद बहुत से लोगों ने अपने मकान खाली कर दिए थे, मगर मकानों से कब्जा नहीं छोड़ा था।

अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई से बचने के लिए कई लोगों ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी से पिछले दिनों मुलाकात की थी। इसी मामले को जानने के लिए चढ़ूनी खोरी बस्ती आए थे। उनके लिए अंबेडकर पार्क में एक सभा रखी गई थी, पर धारा 144 लगी होने के कारण प्रशासन उनको इसकी अनुमति नहीं दे रहा था। पुरानी खोरी, अंबेडकर पार्क वाली गली में सुबह दस बजे ही जुटे लोगों के बीच करीब 11 बजे मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी के वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र भी जुड़ गए।

ऐसे में माहौल गर्मा गया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। पुलिस के समझाने पर भी जब लोग नहीं माने, तो हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। ऐसे में सुबह से शाम तक स्थिति तनावपूर्ण रही। सूरजकुंड रोड से पुरानी खोरी के प्रवेश द्वार के अलावा राजधानी दिल्ली के लाल कुआं क्षेत्र में भी पुलिस तैनात रही।

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