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Haryana Election: गुर्जर और पंजाबी उम्मीदवार के बीच फंसेगा कांग्रेस के टिकट का पेंच, ये हैं प्रमुख दावेदार

Haryana Election 2024 आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद इलेक्शन की तैयारी में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टिकट पाने की भगदड़ मच गई है। इस समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टिकट पाने की दौड़ दिलचस्प दिखाई दे रही है। फरीदाबाद के बड़खल विधानसभा क्षेत्र से विजय प्रताप सिंह और योगेश ढींगड़ा कांग्रेस के चुनाव निशान हासिल करने के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।

By Susheel Bhatia Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 27 Aug 2024 03:38 PM (IST)
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Badkhal Assembly: कांग्रेस के लिए बड़खल सीट पर टिकट की उलझ सकती है गुत्थी। फाइल फोटो
 सुशील भाटिया, फरीदाबाद। पंजाबी बहुल मतदाताओं वाली बड़खल विस सीट पर यूं तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पिछला चुनाव इसी सीट से लड़ कर नजदीकी अंतर से हारने वाले विजय प्रताप सिंह अपना टिकट तय मान कर कार्यकर्ताओं संग बैठक कर चुनाव जीतने की रणनीति में जुट गए हैं।

टिकट की लड़ाई गुर्जर Vs पंजाबी के बीच

पिछले दिनों उनके संयोजन में रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने पदयात्रा भी की, पर कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि यहां टिकट का पेंच गुर्जर और पंजाबी समुदाय के नेता के बीच फंसेगा। पिछली बार भी ऐसा हुआ था, पर विजय प्रताप सिंह (Vijay Pratap Singh) टिकट लेने में सफल रहे थे। अबकी बार भी टिकट की लड़ाई गुर्जर वर्सेस पंजाबी के बीच ही है।

वर्ष 2009 में परिसीमन से पहले बड़खल सीट का नाम एनआईटी विधानसभा था, जिसमें बड़ी संख्या में औद्योगिक नगरी एनआईटी की स्थापना करने वाले पुरुषार्थी समाज के मतदाता ही रहते हैं। वर्ष 1967 से लेकर 2004 तक यहां से पुरुषार्थी समाज के प्रतिनिधि ही विधायक बनते आए हैं, चाहे वो कांग्रेस के हों या भाजपा के।

सूरजकुंड तक मेवला महाराजपुर का हिस्सा भी हुआ शामिल

एक मौके पर स्वतंत्रता सेनानी कंवल नैन गुलाटी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे थे और विधायक बने थे। वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद इस सीट का भौगोलिक स्वरूप बदल गया और परंपरागत रूप से एनआईटी का मुख्य हिस्सा पुरुषार्थी समाज से संबंधित एक, दो, तीन नंबर और पांच नंबर बड़खल में रहा, इसके साथ सूरजकुंड तक मेवला महाराजपुर विस क्षेत्र वाला हिस्सा भी शामिल कर लिया गया।

तब कांग्रेस ने गुर्जर समुदाय से संबंध रखने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने भाजपा की सीमा त्रिखा को हरा कर जीत हासिल की थी। बाद में भाजपा की सीमा त्रिखा ने 2014 व 2019 में जीत दर्ज कर कमल खिलाया था।

खैर फिलहाल बात हो रही है कांग्रेस के टिकट की। यहां से कांग्रेस आलाकमान ने जो आवेदन पिछले दिनों मांगे थे। उनमें मुख्य रूप से आठ आवेदन अधिकृत रूप से पहुंचे थे, जिनमें विजय प्रताप सिंह, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रहे योगेश ढींगड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष गुलशन कुमार बग्गा, पूर्व मेयर डा.अत्तर सिंह, पूर्व मेयर अशोक अरोड़ा के पुत्र भारत अरोड़ा, महिला चेहरा हेमलता शर्मा, सुरेंद्र अरोड़ा शंभू और एडवोकेट अर्जुन चपराना के नाम शामिल हैं।

पिछले दिनों विजय प्रताप सिंह (Vijay Pratap Singh) के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के पुत्र व रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा बड़खल क्षेत्र में पदयात्रा भी कर चुके हैं और एक तरह से उनके टिकट की घोषणा भी कर दी थी, पर कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार अभी कुछ तय नहीं है।

कुमारी सैलजा योगेश ढींगड़ा को दिलाना चाहेंगी टिकट

यहां से पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा योगेश ढींगड़ा के लिए पुरजोर पैरवी करेंगी। योगेश ढीगड़ा पंजाबी समाज से हैं। कांग्रेस भी चाहेगी कि छह में से एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार उतरे, क्योंकि पिछली बार कोई पंजाबी चेहरा कांग्रेस ने नहीं उतारा था और हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर (Krishan Pal Gurjar) ने इस बात को बखूबी भुनाया था।

बड़खल के अतिरिक्त दूसरी पंजाबी सीट फरीदाबाद विधानसभा सीट (Faridabad Vidhan Sabha Seat) हो सकती है, पर वहां पहले से ही लखन सिंगला, बलजीत कौशिक व सुमित गौड़ अपना दावा मजबूती से ठोके हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के समक्ष पेच फंस गया है कि बड़खल या फरीदाबाद विधानसभा सीट में से किस पर पंजाबी चेहरा उतारा जाए। यह आगे समय बिताएगा, फिलहाल विभिन्न नेता अपना टिकट तय मान तैयारियों में जुट हुए हैं।

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