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हरियाणा में जाट बहुल इस सीट पर नहीं उतारेगी INLD-JJP अपने उम्मीदवार, गजब का समीकरण आया सामने

Haryana Election 2024 हरियाणा की पृथला विधानसभा सीट जाट मतदाताओं के लिए जानी जाती है लेकिन इस बार इनेलो और जजपा ने यहां से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इनेलो ने यह सीट बसपा को दे दी है जबकि जजपा ने आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। ऐसे में इस बार पृथला सीट पर ईवीएम में इनेलो का चश्मा और जजपा की चाबी नहीं दिखेगी।

By Subhash Dagar Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 11 Sep 2024 04:04 PM (IST)
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Haryana Chunav 2024: पृथला विधानसभा सीट से इनेलो-जजपा ने क्यों नहीं उतारे अपने उम्मीदवार? फाइल फोटो

 सुभाष डागर, बल्लभगढ़।  Haryana Vidhan Sabha Election 2024: पूरी तरह से ग्रामीण बहुल व जिले में सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं वाले पृथला विधानसभा क्षेत्र से ही इस बार इनेलो व जजपा के प्रत्याशी नजर नहीं आएंगे। इनेलो और जजपा दोनों दलों का राजनीतिक जनाधार जाट मतदाता हैं, पर दोनों ही दलों ने यह क्षेत्र अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं और खुद मैदान से आउट हो गए हैं।

जजपा ने प्रदेश में गठबंधन आजाद समाज पार्टी के साथ किया है और इनेलो ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ। इनेलो प्रदे (Abhay Singh Chautala)श में 56 सीटों पर और बसपा 34 सीटों (INLD-BSP Alliance) पर चुनाव लड़ रही है। अब इनमें इनेलो ने इस बार पृथला सीट पर अपना दावा नहीं किया है। सीट को बसपा के खाते में दे दिया है। इनेलो (INLD News) ने पिछले विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी नरेंद्र अत्री को बनाया था।

इस बार ईवीएम में नहीं होगा चश्मा चुनाव निशान

हालांकि अत्री को मात्र 1500 मत प्राप्त हुए थे। बसपा ने अपना प्रत्याशी सुरेंद्र वशिष्ठ को बनाया है। वशिष्ठ बसपा के टिकट पर क्षेत्र से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसलिए इस बार पृथला सीट की ईवीएम में चश्मा चुनाव निशान नहीं होगा। इसी तरह से पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा पूरे प्रदेश में पहली बार लड़ रही थी। जजपा ने अपना टिकट शशिबाला तेवतिया को दिया था।

शशिबाला तेवतिया ने चुनाव चिन्ह लेने से पहले अपना नामांकन वापस ले लिया था। इस तरह से यहां पर पिछले चुनाव में पार्टी के टिकट पर कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं था और न ही ईवीएम में चाबी का निशान था। क्षेत्र से जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद भारद्वाज पिछले पांच वर्ष से लगातार काम रहे थे।

जजपा 65 तो आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर लड़ रही चुनाव

उन्होंने गांव नरियाला, मोहना में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की सभाओं का आयोजन किया था, पर जजपा का प्रदेश में आजाद समाज पार्टी से विधानसभा चुनाव में समझौता हो गया। जजपा प्रदेश में 65 और आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जजपा ने इस बार पृथला सीट अपने गठबंधन की सहयोगी आजाद समाज पार्टी ( JJP-ASP Alliance) को दे दी है। इस तरह से जजपा का चुनाव निशान चाबी इस बार भी ईवीएम में दिखाई नहीं देगा।

इस तरह से इनेलो और जजपा दोनों दलों के कार्यकर्ता स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं। यह जानकारी मिली है कि जजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद शर्मा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बारे में अपने समर्थकों से अभी बातचीत कर रहे हैं। यदि उनके समर्थकों ने चुनाव लड़ने के लिए कहा तो वे निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं।

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