Haryana Election: इस बार आसान नहीं दो बार बाजी मारने वाले मूलचंद शर्मा की राह, पढ़ें 1967 से अब तक कब कौन रहा MLA
Haryana Election 2024 भाजपा ने हरियाणा की 90 सीटों में से 87 पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। फरीदाबाद की बल्लभगढ़ सीट से पार्टी ने तीसरी बार मूलचंद शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। वह लगातार इस सीट से दो बार जीतते आ रहे हैं लेकिन इस बार जीत आसान नहीं दिख रही है। इस लेख के माध्यम से पढ़ें साल 1967 से लेकर अब तक कौन-कौन यहां से जीते।
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। (Haryana Politics News Hindi) भाजपा ने तीसरी बार भी चुनावी रण का योद्धा मूलचंद शर्मा को ही बनाया है। पिछले दो चुनाव में पार्टी को अपने रण कौशल से जीत दिलाने वाले मूलचंद शर्मा की राह इस बार आसान नहीं रहने वाली।
पूरे प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस बढ़े हुए मनोबल के साथ चुनावी मैदान में उतरी है और सोच-समझ कर प्रत्याशियों को मैदान में लड़ने के लिए भेज रही है, उससे लग रहा है कि चुनौती कड़ी होगी और मुकाबला रोचक देखने को मिलेगा और मतदाताओं को भी चुनाव युद्ध का आनंद आएगा।
ऐतिहासिक नगरी के पिछले चार चुनाव में मुकाबला रोचक नहीं रहा। पिछले दो चुनाव में तो दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी मात्र 15976 व 24985 वोट ही ले सके थे, जबकि मूलचंद शर्मा द्वारा वोट लेने का आंकड़ा 66 हजार और 69 हजार से अधिक था। इसी से साफ है कि मुकाबला तब कितना एकतरफा था।
मूलचंद शर्मा के लगातार दो चुनाव में बड़ी अंतर से जीत और हालिया लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को 45775 की बढ़त दिला कर भेजने के बाद पार्टी ने उन पर तीसरी बार भी भरोसा जताया और प्रत्याशी घोषित किया।
प्रदेश सरकार में वर्तमान में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मूलचंद शर्मा (Mool Chand Sharma) को के लिए जीत दर्ज करना इस बार इसलिए आसान नहीं मानी जा रही, क्योंकि उनके समक्ष कांग्रेस पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व दो बार की विधायक शारदा राठौर, कांग्रेस नेत्री एवं पूर्व विधायक योगेश शर्मा की पुत्री पराग शर्मा अथवा मनोज अग्रवाल, गिरीश भारद्वाज में से किसी को उतार सकती हैं। ज्यादा संभावनाएं शारदा राठौर की ही हैं।
यानी जो भी प्रत्याशी होगा वह बल्लभगढ़ का ही होगा, जबकि 2014 के चुनाव में कांग्रेस के लखन सिंगला ओल्ड फरीदाबाद के रहने वाले थे, जबकि 2019 में उतारे गए आनंद कौशिक पड़ोसी सीट फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक थे। यही बड़ा फर्क रहा था। मतदाताओं ने तब उनकी उम्मीदवारी को नकार दिया था। इसके अतिरिक्त आम आदमी पार्टी(आप) ने युवा नेता रवींद्र फौजदार को टिकट दिया है।
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व पार्षद राव रामकुमार मैदान में उतर चुके हैं। यह दोनों पिछले दिनों बड़ी रैली कर अपना वजूद दिखा चुके हैं। आप प्रत्याशी के लिए तो पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आए थे। अगर कांग्रेस की ओर से शारदा राठौर को टिकट मिलता है तो मुकाबला बेहद कांटे का होगा, क्योंकि 2004 में शारदा राठौर भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा को हरा चुकी हैं।
किसी जाति विशेष का वर्चस्व नहीं
बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किसी भी एक जाति का एकाधिकार नहीं है। यहां पर वैश्य, पंजाबी, जाट, राजपूत, ब्रह्मण, मुस्लिम, ओबीसी, पिछड़ा और अनुसूचित जाति के 259965 मतदाता रहते हैं। यहां करीब 50 कालोनी बसी हुई हैं। इन कालोनियों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से आकर लोग रहते हैं। यह अलग-अलग क्षेत्र में फैक्ट्रियों में काम करते हैं। इन मतदाताओं की संख्या ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि का फैसला करती है। वैसे समय-समय पर अलग-अलग जातियों के विधायक चुन कर विधानसभा में पहुंचते रहे हैं।
कब-कब कौन बने विधायक
- 1967- तुहीराम शर्मा, विशाल हरियाणा पार्टी
- 1968-शारदा रानी, कांग्रेस
- 1972-शारदा रानी, कांग्रेस
- 1977-राजेंद्र सिंह बीसला, निर्दलीय
- 1982-शारदा रानी, कांग्रेस(जे)
- 1987-योगेश शर्मा, लोकदल
- 1991-राजेंद्र सिंह बीसला, कांग्रेस
- 1996-आनंद शर्मा, भाजपा
- 2000-राजेंद्र सिंह बीसला, निर्दलीय
- 2005-शारदा राठौर, कांग्रेस
- 2009-शारदा राठौर, कांग्रेस
- 2014-मूलचंद शर्मा, भाजपा
- 2019-मूलचंद शर्मा, भाजपा