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Haryana Election 2024: फरीदाबाद विधानसभा सीट पर कौन होगा BJP का उम्मीदवार? छह दिग्गजों के नाम आए सामने

हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। अब पार्टी के भीतर सबसे बड़ी लड़ाई किस सीट से किसे उम्मीदवार के तौर पर उतारा जाएगा? इसी के तहत फरीदाबाद की विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से अभी तक छह दावेदारों के नाम सामने आए हैं। जिनमें विपुल गोयल नरेंद्र गुप्ता और अजय गौड़ जैसे बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 22 Aug 2024 03:14 PM (IST)
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Faridabad Assembly Election 2024: फरीदाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा से कौन होगा दावेदार।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। विशुद्ध रूप से शहरी मतदाताओं वाला फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र (Faridabad Assembly Election 2024) में जब एक अक्टूबर को चुनाव होंगे तब निश्चित रूप से रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा, पर यह सीट तो भाजपा का टिकट पाने की लड़ाई से ही हॉट बन गई है। पिछले दो चुनाव में भाजपा का कमल खिला पर प्रत्याशी अलग-अलग थे।

वर्ष 2014 में यहां से पहली बार ही चुनावी मैदान में उतरे विपुल गोयल ने जीत दर्ज की थी और फिर मनोहर सरकार में उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री बने थे। अगली बार जब सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक मात्र उन्हीं की टिकट पक्की और जीत तय मानी जा रही थी।

तब अप्रत्याशित रूप से उनका टिकट कट गया था। तब बल्लभगढ़ से दावेदारी कर रहे भाजपा के तत्कालीन प्रदेश कोषाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता को फरीदाबाद विस क्षेत्र से मैदान में उतार दिया गया और उन्होंने कांग्रेस के लखन सिंगला को हरा कर कमल खिला दिया था।

विपुल गोयल, नरेंद्र गुप्ता और अजय गौड़ टिकट की रेस में

अब एक बार फिर भाजपा (Haryana BJP) यहां कमल खिलाना चाहती है, पर इसके लिए चुनावी रण में योद्धा कौन होगा? इस पर जबरदस्त सस्पेंस बना हुआ है। वर्तमान में संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष विपुल गोयल (Vipul Goyal) ने एक बार फिर दावा ठोक दिया है और अपने समर्थकों को क्षेत्र में सक्रिय कर रखा है। पार्टी आलाकमान में उनकी पैठ किसी से छिपी नहीं है।

ऐसे में उनका दावा बेहद मजबूत है। दूसरी ओर मौजूदा विधायक नरेंद्र गुप्ता (Narendra Gupta) की बात करें तो पूरे पांच साल उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास पर जोर दिया। सभी सड़कों को सीमेंटिड करना व क्षेत्र को सुंदरीकरण पर जोर देने में जुटे रहे नरेंद्र गुप्ता ने अपना काल निर्विवादित निकाला है। ऐसे में उनका दावा भी मजबूत है।

अजय गौड़ पिछली बार भी थे टिकट के दावेदार

अपने समर्थकों को उन्होंने आशान्वित भी किया है। अब इन दोनों को टिकट के मामले में जबरदस्त चुनौती पेश कर रहे हैं सीएम के निवर्तमान राजनीतिक सचिव अजय गौड़। सौम्य प्रवृत्ति वाले अजय गौड़ पिछली बार भी टिकट के दावेदार थे, पर उन्हें नहीं मिला। इस बार उन्होंने मजबूती के साथ दावा ठोक दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल (Manohar lal) के बेहद नजदीकी अजय गौड़ ने विधानसभा चुनाव में उतरने की नीयत से ही करीब डेढ़ साल पहले ही राजनीतिक सचिव का पद छोड़ दिया था और जनसेवक के रूप में स्वयं को विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय कर लिया था।

पिछले दिनों अजय गौड़ (Ajay Gaur) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने की भी दौड़ में थे और मोहन लाल बड़ौली बाजी मार गए। अब अजय गौड़ पूरी तरह से विश्वस्त हैं कि टिकट उन्हीं को मिलेगा।

एम से शुरू होने वाले तीन नाम भी मजबूती से दौड़ में टिकट पाने की दौड़ में मजबूती वाले तीन और नाम हैं, यह हैं भाजपा के संस्थापक सदस्य व निवर्तमान जिला महामंत्री मूलचंद मित्तल, वरिष्ठ नेता मनमोहन गुप्ता और निवर्तमान डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग।

मूलचंद मित्तल का दावा जहां समर्पित भाव से वर्ष 1980 से लेकर अब तक के साढ़े दशक के कार्यकाल में पार्टी की सेवा करना और कभी लाभ का पद नहीं लेने के कारण मजबूत है, वहीं अनुशासित सिपाही के रूप में काम करते हुए उन पर ऐसी कोई छाप भी नहीं है कि वो किसी खास गुट से हैं।

मनमोहन गर्ग ने नगर निगम में रहते हुए क्षेत्र में किया विकास

इसी तरह से मनमोहन गुप्ता आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम करते हुए संबंधों के आधार पर टिकट की दौड़ हैं, वहीं निवर्तमान डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेहद नजदीकी हैं और पांच साल नगर निगम में रहते हुए क्षेत्र में विकास कार्यों की बदौलत जनता के बीच लोकप्रिय हैं।

इन सबके अलावा एडवोकेट शिवदत्त वशिष्ठ भी ने दावा ठोका है। अब देखते हैं कि फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से जैसा पिछले दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने यह कहा था कि फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से दो पर वैश्य समाज के प्रतिनिध उतारे जाएंगे, उस अनुरूप वैश्य समाज से जुड़े नेता को मिलती है या ब्राह्मण नेता पर पार्टी दांव खेलती हैं। यह एक सप्ताह में स्पष्ट होने की आशा है।

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