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Faridabad News: हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर से प्रदेश में विकास को लगेंगे पंख

यह परियोजना पलवल से वाया सोहना मानेसर खरखौदा होते हुए सोनीपत दिल्ली-रेवाड़ी लाइन से पाटली गढ़ी हरसारू-फरुखनगर लाइन से सुल्तानपुर दिल्ली-रोहतक लाइन से असौधा और दिल्ली-अंबाला लाइन से हरसाना कलां स्टेशन को जोड़ेगी। यह रेल मार्ग केएमपी वाले मार्ग के साथ होकर निकलेगा।

By Susheel BhatiaEdited By: Prateek KumarUpdated: Thu, 27 Oct 2022 08:26 PM (IST)
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रेल मार्ग से प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों की कनेक्टीविटी होगी बेहतर।

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता।  गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार हरियाणा को 6629 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें सबसे बड़ी 5618 करोड़ रुपये की लागत वाली हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर(एचओआरसी) परियोजना है। जन उत्थान रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में इसका शिलान्यास किया। निर्धारित दिसंबर-2025 के तय लक्ष्य यानी अब से तीन साल बाद जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी, तब विकास और कनेक्टिविटी के लिहाज से हरियाणा प्रदेश की दिशा बदलने वाली साबित होगी। एचओआरसी से हरियाणा प्रदेश में औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे और रेल यातायात सुगम होगा।

यह रहेगा रूट

यह परियोजना पलवल से वाया सोहना, मानेसर, खरखौदा होते हुए सोनीपत, दिल्ली-रेवाड़ी लाइन से पाटली, गढ़ी हरसारू-फरुखनगर लाइन से सुल्तानपुर, दिल्ली-रोहतक लाइन से असौधा और दिल्ली-अंबाला लाइन से हरसाना कलां स्टेशन को जोड़ेगी। यह रेल मार्ग केएमपी वाले मार्ग के साथ होकर निकलेगा। हरियाणा प्रदेश और रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम हरियाणा राज्य औद्योगिक ढांचागत विकास निगम(एसआरआइडीसी) ने यह परियोजना तैयार की और केंद्र सरकार की ओर से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है।

एचओआरसी को दो हिस्सों में होगी पूरी

एचओआरसी भाग ए व भाग बी दो हिस्सों में पूरी होगी। भाग ए में पांच नए रेलवे स्टेशन धुलावत, चांदला डूंगरवास, पंचगांव, मानेसर और न्यू पातली होंगे। इन स्टेशनों का तीस किलोमीटर का रेल मार्ग होगा और पातली व सुल्तानपुर में रेलवे नेटवर्क के लिए 11.4 किलोमीटर कनेक्टिविटी लाइनें शामिल हैं। यह मार्ग मानसेर से मारुति संयंत्र और फर्रूखनगर में आलकार्गों के लिए कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। भाग ए का यह कार्य मई 2024 तक पूरा किया जाना है। भाग बी में 9.4 किलोमीटर सुरंग बनाने के लिए साथ 96 किलोमीटर का रेल मार्ग, 12 नए रेलवे स्टेशन, असौदा और न्यू हरसाना कलां में रेलवे नेटवर्क के लिए 6.28 किलोमीटर कनेक्टिविटी लाइनें और न्यू पृथला में डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर नेटवर्क से कनेक्टिविटी शामिल है। भाग बी का कार्य दिसंबर-2025 तक पूरा किया जाना है।

परियोजना पूरी होने पर आम जन को यह मिलेंगी सुविधाएं

  • दिल्ली की ओर जाने वाले अनावश्यक यातायात का मार्ग परिवर्तन कर राजधानी में यात्रियों की भीड़भाड़ कम होगी
  • इनमें दिल्ली को बाईपास करते हुए शताब्दी व सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन भी चलेंगी, गुरुग्राम वासियों को चंडीगढ़ जाने के लिए शताब्दी जैसी ट्रेन में सफर करने को दिल्ली जाने से मिलेगा छुटकारा
  • औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा, दिल्ली क्षेत्र से माल गोदामों को स्थानांतरित करने के लिए मल्टी माडल लाजिस्टिक हब का होगा विकास
  • पंचग्राम योजना के प्रस्तावित शहरों के लिए रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी
  • गुरुग्राम और सोहना, मानसेर, फर्रुखनगर, खरखौदा और सोनीपत से अलग-अलग दिशाओं में लंबी दूरी की यात्रा को किफायती, तीव्र व सुविधाजनक बनाएगा कारिडोर
  • औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, तो रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित

हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर की विशेषताएं

  • -अनुमानित लागत : 5618 करोड़ रुपये
  • -परियोजना की लंबाई : 126 रूट किलोमीटर
  • -15-9-2020 को रेल मंत्रालय की ओर से मिली मंजूरी
  • -भाग ए का कार्य मई 2024 तक पूरा होने की संभावना
  • -भाग बी का कार्य दिसंबर-2024 तक पूरा होने की संभावना
  • -छह जंक्शन सहित क्रासिंग स्टेशन पृथला, मानेसर, न्यू पातली, बाढ़सा, मांडोठी और न्यू हरसाना कलां
  • -पांच क्रासिंग स्टेशन में आइएमटी सोहना, धुलावत
  • अधिकतम गति: यात्री गाड़ी के लिए 160 किमी प्रति घंटा और मालगाड़ी के लिए 100 किमी प्रति घंटा
  • -सुरंग: 2 गुणा 4.7 किमी(दोहरी सुरंग)
  • -वायडक्ट: 3.54 किमी
  • -प्रतिदिन 20 हजार यात्री करेंगे सफर
  • -प्रति वर्ष 50 मिलियन टन माल की ढुलाई

प्रमुख औद्योगिक शहरों की कनेक्टिविटी होगी बेहतर

एचओआरसी के पूरा होने के बाद प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। दिल्ली को बाईपास करते हुए शताब्दी व वंदे भारत जैसी सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन भी चलेंगी, इससे दिल्ली की भीड़भाड़ से मुक्ति मिलेगी। इससे औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली क्षेत्र से माल गोदामों को स्थानांतरित करने के लिए मल्टी माडल लाजिस्टिक हब का विकास होगा।

अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री

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