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Haryana Politics: गिले-शिकवे दूर कर गले मिले पुराने मित्र कृष्ण-विपुल, हरियाणा की राजनीति में क्या होगा असर?

फरीदाबाद से भाजपा प्रत्याशी विपुल गोयल के गणेश उत्सव में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर शामिल हुए। दोनों में कई साल से मतभेद चल रहे थे। गणेशोत्सव पर दोनों एक दूसरे से गले मिले। दोनों के बीच आलिंगन हुआ और फिर कृष्णपाल ने अपने पुराने सखा को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत की बड़े अंतर से जीत की शुभकामनाएं दी।

By Susheel Bhatia Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 08 Sep 2024 12:23 AM (IST)
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गिले-शिकवे दूर कर गले मिले पुराने मित्र कृष्ण-विपुल।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। वर्षों पुरानी कटुता भुला कर दो पुराने मित्र फिर एक मंच पर नजर आए और गले मिले। दोनों के बीच आलिंगन हुआ और फिर कृष्णपाल ने अपने पुराने सखा को आगामी विधानसभा चुनाव में जीत की बड़े अंतर से जीत की शुभकामनाएं दी। अवसर था गणेशोत्सव का, जो पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल की ओर से मैगपाई रिजॉर्ट में आयोजित किया गया है। विपुल गोयल पिछले एक दशक से अधिक समय से यह आयोजन प्रति वर्ष धूमधाम से करते हैं।

आगे बढ़ने से पहले यह बताना उचित होगा कि विपुल गोयल और केंद्रीय राज्य मंत्री वर्षों पुराने मित्र रहे हैं। 2014 में जब कृष्णपाल गुर्जर सांसद बने और फिर मंत्री भी बने और उसके बाद हरियाणा विधानसभा के चुनाव थे तो कृष्णपाल ने अपने सखा विपुल गोयल को फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट दिला कर मैदान में उतार दिया।

2018 में  एनआइटी के दशहरा उत्सव के दौरान जब एक दूसरे पर तन गई थी अंगुली

एक-दूसरे पर उठाई उंगलियां

विपुल गोयल जीत कर विधायक बने और मनोहर सरकार में बाद में कैबिनेट मंत्री भी बने। उस दौरान ही उनके किसी बात को लेकर दूरियां पैदा हो गई और यह 2018 में यह इस हद तक बढ़ गई कि एनआईटी के प्रसिद्धा दशहरा के मंच पर दोनों मौजूद थे और एक-दूसरे पर अंगुलियां तन गई थी। तब यह अखबारों में सफोटो खूब सुर्खियां बनीं थी।

दोनों को लेकर राजनीतिक गलियाओं में चर्चाएं

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में विपुल गोयल भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल के प्रचार से दूर रहे थे। इधर 2019 में ऐसा माना जाता है कि कृष्णपाल ने विधानसभा चुनाव में विपुल गोयल का टिकट कटवा दिया था। इस तरह अब तक दोनों के बीच दूरियां बनी हुई थी। अब विपुल गोयल एक बार फिर टिकट पाने में सफल रहे।

शीर्ष नेतृत्व के कहने पर मिले गले

ऐसा बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व के कहने पर दोनों ने गिले-शिकवे दूर करने की पहल की। अब गणेशोत्सव के लिए विपुल गोयल ने केंद्रीय राज्य मंत्री को निमंत्रण दिया और कृष्णपाल गुर्जर उसमें सहर्ष शामिल हुए और गजानन के दरबार में माथा टेका। विपुल ने अपने पुराने मित्र का शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया।

कृष्णपाल ने गणेशोत्सव की बधाई दी और विधानसभा चुनाव में विपुल को बड़ी जीत की शुभकामनाएं दी। पंडाल से बाहर निकल कर बाद में दोनों मित्र अपने समर्थकों संग बंद कमरे में भी बैठे और चुनावी चर्चा हुई। यहां यह भी बता दें कि कृष्णपाल गुर्जर ने शुक्रवार को ही संकेत दे दिया था वह विपुल गोयल के चुनाव प्रचार में जाएंगे। भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के एक होने से चुनाव के समय राजनीतिक रूप से पार्टी को मजबूती मिलेगी।

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