Move to Jagran APP

ISRO Space Station: चांद और सूरज मिशन बाद अब अंतरिक्ष में अपना घर बनाएगा इसरो, एस सोमनाथ ने दिया बड़ा अपडेट

चंद्रयान-तीन की सफलता से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने जा रहा है और पहले दौर का परीक्षण अगले साल शुरू कर सकता है। गुरुवार को यहां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में शिरकत करने आए इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वर्ष 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को स्थापित कर दिया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 19 Jan 2024 12:04 AM (IST)
Hero Image
अंतरिक्ष में स्थित स्पेस स्टेशन। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। चंद्रयान-तीन की सफलता से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने जा रहा है और पहले दौर का परीक्षण अगले साल शुरू कर सकता है।

2028 तक स्थापित हो जाएगा स्पेस स्टेशन

गुरुवार को यहां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में शिरकत करने आए इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वर्ष 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को स्थापित कर दिया जाएगा। कहा कि हमारा लक्ष्य स्टेशन को प्रयोगशाला में परिवर्तित करने का है, जहां विज्ञानी जाएं और अपने प्रयोग करें।

इसरो प्रमुख के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में एक क्रू कमांड माड्यूल, हैबिटेट माड्यूल, प्रोपल्शन माड्यूल व डार्किंग बोर्ड होंगे। पूरे कैप्सूल का द्रव्यमान अनुमानित 25 टन का होगा, जिसे भविष्य में स्टेशन के विस्तार के आधार पर बढ़ाया भी जा सकेगा।

यह भी पढ़ेंः ISRO दिखा रहा गंगासागर की राह! जहाजों की निगरानी के लिए तैयार किया गया अनोखा डिवाइस

कब तक मिशन होगा पूरा?

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन का बुनियादी माडल 2028 तक कक्षा में स्थापित होने की आशा है और 2035 तक इसको पूर्ण रूप से स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। इसरो प्रमुख ने कहा कि अभी स्टेशन के डिजाइन की समीक्षा की जा रही है।

इससे पहले इसरो प्रमुख छात्र नवाचार-स्पेस हैकथान कार्यक्रम में युवाओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि इसरो ने स्टार्टअप के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अब यह मूल्यों, उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने वाले संगठन में बदल गया है। इसरो का लक्ष्य समाज में सार्थक योगदान देना है। सोमनाथ ने कहा कि 2023 में लागू की गई नई इसरो नीति से उभरने वाले अवसरों से सामाजिक प्रगति और राष्ट्र-निर्माण के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे।

यह भी पढ़ेंः निसार सैटेलाइट पर साथ काम कर रहे ISRO और NASA, पृथ्वी पर बर्फ की सूक्ष्म गतिविधियों पर रखेगा नजर

सोमनाथ ने विभिन्न टीमों से की बात

उन्होंने युवाओं को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनंत संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। कृषि और रिमोट सेंसिंग से लेकर नेविगेशन, परिवहन, जल संसाधन, बुनियादी ढांचे आदि तक विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए नवाचार और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने, आम आदमी के लिए भुवन पोर्टल और इसके अनुप्रयोगों के महत्व पर प्रकाश डाला। सोमनाथ ने कार्यक्रम में प्रमुख योगदानकर्ताओं के साथ बातचीत की, जिसमें इसरो, एनआइएफ और विज्ञान भारती की टीमें शामिल थीं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।