हरियाणा में आचार संहिता लागू, नई भर्तियों से लेकर स्कीमों तक का क्या होगा? 10 बिंदुओं में समझें
भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान कर दिया। राज्य में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी वहीं 4 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी। वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया। इसके तहत कई पाबंदियां भी प्रभावी हो गई। यह मतगणना के बाद तक लागू रहेगी।
डिजिटल डेस्क, फरीदाबाद। चुनाव आयोग ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान कर दिया। राज्य में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, वहीं 4 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी। वहीं, निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया। इसके तहत कई पाबंदियां भी प्रभावी हो गई। यह मतगणना के बाद तक लागू रहेगी।
क्या है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता विभिन्न राजनीतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया दस्तावेज होता है। सभी दलों ने आचार संहिता के सिद्धांतों, मानकों के अक्षरश: पालन करने की सहमति भी देते हैं। खास बात यह है कि आदर्श आचार संहिता किसी कानून के तहत नहीं बनी होती है। यह सिर्फ सहमति के आधार पर तैयार की जाती है।
कब से कब तक लागू?
भारत निर्वाचन आयोग जिस दिन से चुनाव की अधिसूचना जारी करता है, उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक यह लागू रहती है। लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता पूरे देश में लागू होती है। विधानसभा चुनाव में सिर्फ संबंधित राज्य में लागू होती है। इस तरह हरियाणा में 16 अगस्त 2024 से 4 अक्टूबर 2024 के बाद तक लागू रहेगी।इन चीजों पर लगेगी पाबंदी
- नई भर्ती और नई परीक्षाओं के आयोजन पर रोक।
- शराब ठेकों और तेंदु के पत्तों की नीलामी आदि पर रोक।
- विज्ञापन, होर्डिंग और पोस्टर के इस्तेमाल पर रोक।
- सरकारी योजनाओं की घोषणा, शिलान्यास और उद्घाटन पर भी रोक।
- सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद जनसभाओं पर लगी रोक।
- सरकार अधिकारियों का तबादला नहीं कर सकती है।
- अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समेत अन्य मीडिया पर सरकारी खर्चे से विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकता है।
- राज्य दिवस पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री शामिल नहीं हो सकते हैं और राजनीतिक भाषण भी नहीं दे सकते हैं। तीनों का फोटोयुक्त विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सकता है।
- राज्यों के मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में भाग नहीं ले सकते हैं।
- मंत्री सायरन और बीकन प्रकाश वाली पायलट कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
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