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पहले से थी दो बेटियां, नाखुश मां ने तीसरी बेटी के साथ कर डाला अत्याचार; बिलखती बच्ची को रखा भूखा और...

फरीदाबाद में इस मामले ने सबको चौंका दिया। डॉक्टर्स ने सलाह दी थी कि नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया जाए लेकिन महिला नहीं मानी। 16 मई को महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। बेटी के पैदा होने के बाद से उसने दूध पिलाना बंद कर दिया था। उसे बार-बार कहा गया था कि वो दूध पिलाए लेकिन वो नहीं मानी।

By Parveen Kaushik Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 26 Jun 2024 08:00 PM (IST)
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मां ने तीसरी बेटी होने पर नहीं पिलाया दूध।
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। तीसरी बेटी होने से नाखुश एक महिला ने बेटी को अपना दूध नहीं पिलाया। तबीयत बिगड़ने पर भी उसे अस्पताल लेकर नहीं गई। इस कारण नवजात की मौत हो गई। नवजात के गर्दन पर भी निशान मिले हैं। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर थाना सूरजकुंड में नवजात के माता-पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआई भेजा था। इसमें मौत के कारण के बारे में पता किया जाएगा। अभी तक पुलिस यह भी पता नहीं लगा पाई है कि महिला कौन है।

16 मई को दिया था बच्ची को जन्म

बता दें इस मामले में आयोग ने स्वत: ही संज्ञान लिया है। थाने में दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि यह मामला शिव दुर्गा विहार सेक्टर-39 की डिलीवरी हट का है। यहां 16 मई को एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। इससे महिला नाखुश थी। उसके पहले से ही दो बेटी बताई जा रही हैं।

नर्स के कहने पर भी नहीं पिलाया दूध

उसने नवजात को अपना दूध नहीं पिलाया। यह देख वहां मौजूद नर्स ने उससे बार-बार दूध पिलाने को कहा, लेकिन वह नहीं मानी। इससे नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी। दो दिन बाद 18 मई इसकी जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों को लगी। साथ ही बच्ची के स्वास्थ्य जांच करने की सलाह दी।

बच्ची के गले पर मिले निशान

डॉक्टर की जांच में यह बात भी सामने आई कि बच्ची के गले पर निशान हैं। इससे उसकी हालत गंभीर बनी है। स्वास्थ्य अधिकारी बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या बीके अस्पताल में इलाज के भर्ती कराने को कहा। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। बच्ची को अपने घर पर ही रखा।

स्वास्थ्य परामर्श के लिए घर पर पहुंचे आगनबाड़ी कार्यकर्ता को घर में घुसने से रोक दिया। स्वास्थ्य अधिकारी ने 1098 पर काल करके चाइल्ड लाइन का सहयोग लिया। नवजात को तुरंत बीके अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान बच्ची मौत हो गई।

इसके बाद यह मामला हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में आया। नवजात का पिता मजदूरी करता है और परिवार के साथ शिवदुर्गा विहार में रहता है। आशंका है कि बच्ची की गला दबाकर हत्या की गई होगी।

शिकायत मिलने पर अभी मुकदमा दर्ज किया गया है। नवजात के स्वजन की तलाश की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कुछ और धारा भी जोड़ी जा सकती हैं। मामले की जांच शुरू कर दी है। -सुनील कुमार, सूरजकुंड थाना प्रभारी

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