Faridabad News: यूपी की बेटी और हरियाणा की बहू डा. अरुणिमा की जिद बनी मिसाल, पूरी खबर पढ़कर आप भी करेंगे तारीफ
Mountaineer doctor Arunima Sinha फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में एक पखवाड़े से ज्यादा समय तक डा.अरुणिमा को डा. प्रोनिता की निगरानी में रखा गया। इस दौरान बच्चा होने तक सारी जानकारी गुप्त रखी गई। बिना ऑपरेशन बच्चा होने पर अरुणिमा ने डाक्टरों का धन्यवाद किया है।
By Susheel BhatiaEdited By: JP YadavUpdated: Sun, 13 Nov 2022 08:43 PM (IST)
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। दिव्यांग होने के बावजूद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वालीं डा. अरुणिमा सिन्हा की एक जिद ने उन्हें फिर चर्चा में ला दिया है। दरअसल, शादी के चार साल जब मातृत्व सुख पाने की घड़ी नजदीक आई, तो इसके लिए उन्हें लखनऊ, दिल्ली, गुरुग्राम की नामी अस्पताल और अपने शहर फरीदाबाद के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने यह कहते हुए सामान्य डिलीवरी कराने से इन्कार कर दिया कि यह हाई रिस्क प्रेगनेंसी केस है।
बिना ऑपरेशन दिया स्वस्थ बच्चे को जन्म
मुश्किल घड़ी में जब डा.अरुणिमा व स्वजनों को निराशा हाथ लगी, तब फरीदाबाद के जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल के सीएमओ डा. विनय गुप्ता व महिला रोग विशेषज्ञ डा. प्रोनिता अहलावत से संपर्क हुआ। यहां डा.अरुणिमा की आस पूरी हुई और एक स्वस्थ बेटे को जन्म देकर एक और जिद पूरी करके ही सांस ली।
हरियाणा के गौरव सिंह से हुई है शादी
इस तरह से विश्व की पहली दिव्यांग पर्वतारोही व देश की पूर्व राष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी डा.अरुणिमा सिन्हा के मातृत्व सुख पाने की कहानी भी उतनी ही रोचक है, जो 2013 में उसके द्वारा माउंट एवरेस्ट को छूने से जुड़ी है। लखनऊ की बेटी डा.अरुणिमा का विवाह यहां तिगांव विधानसभा क्षेत्र के गांव ताजुपुर के गौरव सिंह के साथ 2018 में हुआ था। इस नाते वो फरीदाबाद की बहू हैं। कहें तो वह हरियाणा की भी बहू हैं। बता दें कि गौरव सिंह राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज हैंअनजान नंबर से आया था फोन
सीएमओ डा. विनय गुप्ता ने बताया कि उन्हें 22 अक्टूबर को एक अनजान नंबर से फोन आया कि बच्चे की डिलीवरी सिविल अस्पताल में करवाना चाहती हूं। सीएमओ ने अरुणिमा की मेडिकल रिपोर्ट्स मंगाई और वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा.प्रोनिता अहलावत को दिखाईं। डा. प्रोनिता की ओर से स्वीकृति मिलने पर गौरव सिंह सड़क मार्ग से धर्मपत्नी को लखनऊ से फरीदाबाद लाए।