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Nuh Violence: नूंह में भड़की हिंसा के पीछे मेवात के साइबर ठगों का हाथ? सख्ती के मूड में सरकार

नूंह में बृजमंडल यात्रा पर हमले के बाद सरकार मेवात के साइबर ठगों पर सख्ती के मूड में है। सरकार ने सभी साइबर थानों से साइबर ठगी के उन मामलों की जानकारी मांगी है जिनमें मेवात के ठगों की संलिप्तता हो सकती है। जिले में साइबर ठगी के 300 से अधिक ऐसे मामले होते हैं जिन्हें मेवात के साइबर ठगों द्वारा अंजाम दिया गया है।

By Harender NagarEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sat, 05 Aug 2023 08:43 PM (IST)
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नूंह में हुई हिंसा के पीछे सरकार साइबर ठगी को भी एक कारण मान रही है।

फरीदाबाद, हरेंद्र नागर। नूंह में बृजमंडल यात्रा पर हमले के बाद सरकार मेवात के साइबर ठगों पर सख्ती के मूड में है। सरकार ने सभी साइबर थानों से साइबर ठगी के उन मामलों की जानकारी मांगी है, जिनमें मेवात के ठगों की संलिप्तता हो सकती है।

साइबर थाना पुलिस ऐसी जानकारी तैयार करने में जुट गई है। जिले में साइबर ठगी के 300 से अधिक ऐसे मामले होते हैं, जिन्हें मेवात के साइबर ठगों द्वारा अंजाम दिया गया है। नूंह में हुई हिंसा के पीछे सरकार साइबर ठगी को भी एक कारण मान रही है।

अब राजस्थान के मेवात से हो रही वारदात

28 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने नूंह में साइबर ठगों को पकड़ने के लिए खास तरह का अभियान चलाया था। इसमें 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी सामने आई थी। यह भारत में इस तरह की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी बताई जा रही है। इसमें पांच हजार जवान और अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने नूंह जिले के 14 गांवों में फैले 320 संदिग्ध साइबर अपराधियों के ठिकानों पर छापा मारा।

पुलिस के मुताबिक, इस छापेमारी के दौरान 65 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इस छापेमारी के बाद नूंह से होने वाले साइबर ठगी के मामलों में कमी आई, मगर राजस्थान के मेवात से ठगी बढ़ गई। राजस्थान में भरतपुर और अलवर के कुछ हिस्से मेवात के इलाके कहे जाते हैं।

सेक्सटार्शन के सबसे ज्यादा मामले मेवात से

साइबर थाना पुलिस ने जांच में पाया है कि सेक्सटार्शन के सबसे ज्यादा मामले मेवात से होते हैं। इसमें लोगों को वीडियो काल की जाती है। इसी के साथ उनके सामने अश्लील वीडियो चलने लगती है। साइबर ठग अश्लील वीडियो के साथ व्यक्ति के चेहरे की स्क्रीन रिकार्डिंग कर लेते हैं। इसके बाद उसे ब्लैकमेल करने का सिलसिला शुरू होता है। साइबर थानों के पास इस तरह की सौ से अधिक शिकायतें हैं।

सेना के अधिकारी बनकर ठगी

खुद को सेना के अधिकारी बताकर आनलाइन वेबसाइट पर सस्ती सेकंड हैंड कारें, मोटरसाइकिल या कोई इलेक्ट्रानिक सामान बेचने के नाम पर ठगी के मामले भी सबसे ज्यादा मेवात के हैं। इसमें कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता का सामान देख लोग झांसे में आकर साइट पर दिए नंबरों पर काल कर लेते हैं। लोगों को विश्वास दिलाने के लिए फर्जी तरीके से बनाया गया सेना का आइकार्ड भी भेजते हैं।

सामान्यत: सेना के अधिकारियों पर लोग आसानी से विश्वास करते हैं। ठग सामान का भुगतान करने के लिए एक लिंक भेजते हैं। उस पर क्लिक करते ही व्यक्ति के खाते से रुपये कट जाते हैं। कई बार ये आनलाइन शापिंग साइट पर अन्य लोगों द्वारा डाले गए विज्ञापन में रुचि दिखाकर विक्रेता को काल करते हैं। उन्हें भी सेना के अधिकारी बताते हैं। इसके बाद सामान के भुगतान का झांसा देकर लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही व्यक्ति के खाते से रुपये कट जाते हैं।

मेवात से काफी बड़े स्तर पर साइबर ठगी हो रही है। इसमें सेक्सटार्शन और सेना के अधिकारी बनकर ठगी प्रमुख है। इन मामलों की जांच की जा रही है। सरकार के मांगने पर मामलों की जानकरी साझा की जाएगी।

- अभिमन्यु गोयत, एसीपी साइबर क्राइम