जब 5 लोगों की एक साथ हुई हत्या, खून से लाल हो गई थी घर व गली; कई महीनों तक गांव में पसरा रहा मातम
Palwali Murder Case अदालत के निर्णय को लेकर पूरे गांव में सोमवार सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा था। एक बार फिर ग्रामीणों को वह दहशत वाली रात के पल याद आ गए। पीड़ित परिवार गमगीन रहे। इस गोली कांड में एक के बाद एक पांच लोगों की गोलीबारी में हत्या करने जैसी वारदात इससे पहले कभी नहीं हुई थी।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। 17 सितंबर 2017 की काली और खूनी रात ने पूरे जिले को दहला दिया था। एक के बाद एक पांच लोगों की गोलीबारी में हत्या करने जैसी वारदात इससे पहले कभी नहीं हुई थी। कई महीने तक गांव में तनाव व मातम रहा था। पुलिसबल तैनात रहा। अब जब फैसला आया तो भी पूरे इलाके की नजर रही थी।
अदालत के निर्णय को लेकर पूरे गांव में सोमवार सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा था। एक बार फिर ग्रामीणों को वह दहशत वाली रात के पल याद आ गए। पीड़ित परिवार गमगीन रहे। अब लोग 26 फरवरी का इंतजार कर रहे हैं जब अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी।
ऐसे हुआ हत्याकांड
पीड़ित पक्ष से ललित ने पुलिस को बताया था कि उस समय पंचायत चुनाव में उनके परिवार से बिजेंद्र की पत्नी बबीता ने चुनाव लड़ा था। इसके कारण उन्होंने चुनाव में सरपंच दयावती का साथ नहीं दिया था। इसी बात को लेकर सरपंच का परिवार उनके खिलाफ रंजिश पाले हुए था। डेढ़ साल पहले पंचायत चुनाव के तुरंत बाद दोनों परिवारों में मनमुटाव भी हुआ था, मगर तब गांव के लोगों ने बीच बचाव कर मामला शांत करा दिया था।17 सितंबर 2017 की रात ललित के ताऊ का लड़का हरीश कुमार मोटरसाइकिल लेकर जा रहा था। उसकी सरपंच दयावती के बेटे रविकांत से कहासुनी हो गई थी। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच झगड़ा शुरू हुआ जो बढ़ते-बढ़ते हत्याकांड तक जा पहुंचा। सरपंच के परिवार में पांच लोगों के पास लाइसेंसी पिस्तौल या अन्य हथियार थे। खेड़ी पुल थाना पुलिस ने नाबालिग सहित 28 को नामजद किया था। इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था। एसीपी अमन यादव ने मामले की जांच की थी।
इनकी हुई थी मौत
गोलीबारी में पांच लोगों श्रीचंद, राजेंद्र, ईश्वर, नवीन और देवेंद्र की मौत हो गई थी, जबकि आठ लोग नितेश, कन्हैया, ललित गौड़, सुरेश, परमाली और भगतराम घायल हुए थे। इस हत्याकांड में दयावती, वीरेंद्र, गुरुग्राम में तैनात एएसआइ धर्मेंद्र,एक नाबालिग समेत 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दिसंबर 2017 में एसआईटी ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। वीरेंद्र, नरेंद्र, धर्मेंद्र, लीलू व सुभाष को मुख्य आरोपित बनाया गया था। एक आरोपित नंदकिशोर की बीमारी के चलते जेल में मौत हो गई थी।दो बेचारे बीच-बचाव में मारे गए
इस हत्याकांड के निशान कई दिन तक मृतकों के घरों व गली में दिखाई दिए। घर की तरफ जाने वाली गली खूनी रंग में रंगी हुई थी। उस समय नवीन अपने घर पर बेटी सुनैना का जन्मदिन मना रहा था। केक काटने की तैयारी चल रही थी। इस दौरान झगड़ा सुनकर नवीन जन्मदिन में शरीक होने पहुंचे पिंटू को लेकर मौके पर पहुंच गया। वहां खूनी खेल चल रहा था। नवीन और पिंटू तो बीच-बचाव करने आए थे। तभी आरोपिताें ने उन्हें भी गोली मार दी। दोनों वहीं अचेत हो गए थे।
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