PM मोदी ने फरीदाबाद में किया Amrita Hospital का उद्घाटन, बोले- सही विकास वही जिसका लाभ सभी को मिले
PM Modi Inaugurates Amrita Hospital प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरीदाबाद में अमृता अस्पताल (Amrita Hospital) का उद्घाटन किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने आयुर्वेद के सबसे महान विज्ञानियों को ऋषि महर्षि का दर्जा दिया।
By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 02:53 PM (IST)
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में अमृता अस्पताल (Amrita Hospital) का उद्घाटन किया है। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "सही विकास होता ही वह है जो सब तक पहुंचे जिससे सबको लाभ हो। गंभीर बीमारी के इलाज को सब तक पहुंचाने की भावन अमृता अस्पताल की है। मुझे विश्वास है कि सेवाभाव का आपका यह संकल्प हरियाणा दिल्ली एनसीआर के लाखों परिवारों को आयुष्मान बनाएगा।"
अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैंउन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां कहा गया है वसुधैव कुटंबकम। अम्मा प्रेम, करुणा, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। वो भारत की आध्यत्मिक परंपरा की वाहक है। अम्मा का जीवन संदेश हमें महा उपनिषदों में मिलता है। मैं मठ से जुड़े संतजनों को, सभी डाक्टर और दूसरे कर्मचारियों को भी इस आज पवित्र अवसर पर शुभकानाएं देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि साथियों हम बार-बार सुनते आए हैं, ना हमें राज्य की कामना है, ना स्वर्ग के सुख की इच्छा है, हमारी कामना है कि हमें बस दुखियों की रोगियों की पीड़ा दूर करने का सौभाग्य मिलता रहे। जिस समाज का विचार और संस्कार ऐसा हो वहां सेवा और चिकित्सा समाज की चेतना बन जाती है। इसलिए भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां इलाज एक सेवा है।
Amrita Hospital: PM मोदी ने दिल्ली-NCR के लोगों को दिया अमृता अस्पताल का तोहफा, जानिए क्या है खासहमने मेडिकल को आयुर्वेद का नाम दिया है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आरोग्य एक दान है। जहां आरोग्य, आध्यत्म एक दूसरे से जुड़े हैं। हमारे यहां आयुर्विज्ञान वेद है। हमने मेडिकल को आयुर्वेद का नाम दिया है। हमने आयुर्वेद के सबसे महान विज्ञानियों को ऋषि महर्षि का दर्जा दिया। महर्षि चरक, महर्षि वागभट्ट ऐसे कितने ही उदाहरण हैं, जिनका ज्ञान आज भारतीय मानस में अमर हो चुका है।भारत ने अपनी इस संस्कार और सोच को सदियों की गुलामी में भी लुप्त नहीं होने दिया। उसे सहज करके रखा। आज देश में हमारी आध्यात्मिक सामर्थ्य सशक्त हो रहा है। पूज्य अम्मा भारत के इस पुनर्जागरण के एक वाहक के रूप में अनुभव कर रहा है। समाज जीवन से जुड़े ऐसे जिनते भी क्षेत्र हैं, अम्मा की करुणा हर जगह दिखाई पड़ती है।
हजारों बच्चों स्कालरशिप दे रहा अम्मा का मठ
उनका मठ हजारों बच्चों को स्कालरशिप दे रहा है। लाखों महिलाओं को सशक्त कर रहा है। आपने स्वच्छ भारत अभियान में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है। स्वच्छ भारत कोष में आपके द्वारा दिए गए योगदान के कारण गंगा किनारे बसे इलाकों में काम हुआ। इससे नमामि गंगे अभियान को मदद मिली। पूज्य अम्मा के प्रति पूरे विश्व का श्रद्धाभाव है। मैं भाग्यवान व्यक्ति हूं। पिछले कितने ही दशक से पूज्य अम्मा स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है। मैं कह सकता हूं, जिस देश में ऐसी उदार और समर्पित आध्यात्मिक सत्ता हो उसका उत्थान निश्चित है। हमारे धार्मिक संस्थानों द्वारा शिक्षा व चिकित्सा के निर्वहन की यह व्यवस्था एक तरह से पुराना पीपीपी माडल है। मैं इसे परस्पर प्रयास के तौर पर देखता हूं।सरकारें स्वास्थ्य और शिक्षा का करें कायाकल्प प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भी यह कोशिश कर रहा है कि सरकारें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मिशन मोड में देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करें। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को भी प्रोत्साहन किया जा रहा है। निजी अस्पतालों के साथ प्रभावी पीपी माडल तैयार हो रहा है। हमारे कई दूसरे धार्मिक संस्थान इस तरह के इंस्टीट्यूट चला भी रहे हैं, कई संकल्पों पर काम कर रहे हैं। कोरोना काल में भारत ने बनाई वैक्सीनसमाज के हर वर्ग, हर संस्था हर सेक्टर के प्रयास का नतीजा होता है कि हमने कोरोना के काल में देखा है। आपको याद होगा भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी तो कुछ लोगों ने दुष्प्रचार की कोशिश की थी। देश के धार्मिक गुरु एक साथ आए और लोगों को अफवाहों पर ध्यान देने का कहा। तब लोगों में विश्वास पैदा हुआ। इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच प्राणों का विजन देश के सामने रखा। इनमें एक है गुलामी की मानसिकता का पूर्णतया त्याग। इसकी देश में खूब चर्चा भी हो रही है। इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं तो हमारे काम की दिशा भी बदल जाती है। यही त्याग प्राइवेट अस्पतालों में भी दिख रहा है। हमारा योग और आयुर्वेद विश्व चिकित्सा पद्धति बन चुका है। स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं का दायरा केवल अस्पतालों और इलाज तक सीमित नहीं होता। सेवा से जुड़े ऐसे कई कार्यक्रम होते हैं जो स्वस्थ समाज की आधारशिला रखते हैं। साफ पानी तक लोगों की पहुंच ऐसा ही विषय है।देश ने 3 साल पहले की गई जनजीवन अभियान की शुरुआत हमारे देश में कितनी ही बीमारियां प्रदूषित पानी से होती रही है। इसलिए देश ने तीन साल पहले जनजीवन अभियान की शुरुआत की। इन तीन सालों में सात करोड़ लोगों को पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है। इसमें हरियाणा सरकार ने भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। हरियाणा आज उन अग्रणी राज्यों में है जो घर-घर पाइप से जुड़ चुका है। खेल तो यहां की मिट्टी में है। तभी यहां के युवा खेल के मैदान में तिरंगे की शान बढ़ा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उनका मठ हजारों बच्चों को स्कालरशिप दे रहा है। लाखों महिलाओं को सशक्त कर रहा है। आपने स्वच्छ भारत अभियान में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है। स्वच्छ भारत कोष में आपके द्वारा दिए गए योगदान के कारण गंगा किनारे बसे इलाकों में काम हुआ। इससे नमामि गंगे अभियान को मदद मिली। पूज्य अम्मा के प्रति पूरे विश्व का श्रद्धाभाव है। मैं भाग्यवान व्यक्ति हूं। पिछले कितने ही दशक से पूज्य अम्मा स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है। मैं कह सकता हूं, जिस देश में ऐसी उदार और समर्पित आध्यात्मिक सत्ता हो उसका उत्थान निश्चित है। हमारे धार्मिक संस्थानों द्वारा शिक्षा व चिकित्सा के निर्वहन की यह व्यवस्था एक तरह से पुराना पीपीपी माडल है। मैं इसे परस्पर प्रयास के तौर पर देखता हूं।सरकारें स्वास्थ्य और शिक्षा का करें कायाकल्प प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भी यह कोशिश कर रहा है कि सरकारें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मिशन मोड में देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करें। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को भी प्रोत्साहन किया जा रहा है। निजी अस्पतालों के साथ प्रभावी पीपी माडल तैयार हो रहा है। हमारे कई दूसरे धार्मिक संस्थान इस तरह के इंस्टीट्यूट चला भी रहे हैं, कई संकल्पों पर काम कर रहे हैं। कोरोना काल में भारत ने बनाई वैक्सीनसमाज के हर वर्ग, हर संस्था हर सेक्टर के प्रयास का नतीजा होता है कि हमने कोरोना के काल में देखा है। आपको याद होगा भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी तो कुछ लोगों ने दुष्प्रचार की कोशिश की थी। देश के धार्मिक गुरु एक साथ आए और लोगों को अफवाहों पर ध्यान देने का कहा। तब लोगों में विश्वास पैदा हुआ। इस बार लाल किले से मैंने अमृतकाल के पंच प्राणों का विजन देश के सामने रखा। इनमें एक है गुलामी की मानसिकता का पूर्णतया त्याग। इसकी देश में खूब चर्चा भी हो रही है। इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं तो हमारे काम की दिशा भी बदल जाती है। यही त्याग प्राइवेट अस्पतालों में भी दिख रहा है। हमारा योग और आयुर्वेद विश्व चिकित्सा पद्धति बन चुका है। स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं का दायरा केवल अस्पतालों और इलाज तक सीमित नहीं होता। सेवा से जुड़े ऐसे कई कार्यक्रम होते हैं जो स्वस्थ समाज की आधारशिला रखते हैं। साफ पानी तक लोगों की पहुंच ऐसा ही विषय है।देश ने 3 साल पहले की गई जनजीवन अभियान की शुरुआत हमारे देश में कितनी ही बीमारियां प्रदूषित पानी से होती रही है। इसलिए देश ने तीन साल पहले जनजीवन अभियान की शुरुआत की। इन तीन सालों में सात करोड़ लोगों को पाइप से पानी पहुंचाया जा चुका है। इसमें हरियाणा सरकार ने भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। हरियाणा आज उन अग्रणी राज्यों में है जो घर-घर पाइप से जुड़ चुका है। खेल तो यहां की मिट्टी में है। तभी यहां के युवा खेल के मैदान में तिरंगे की शान बढ़ा रहे हैं।