Faridabad: 8वीं पास ने प्रोफेसर्स को खूब लगाया चूना, नेताओं के साथ फोटो दिखाकर दिया कुलपति बनाने का झांसा; ठगे लाखों
Faridabad News दिल्ली से सटे फरीदाबाद (हरियाणा) में शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपित अपने आसपास के प्रोफेसरों को शिकार बनाता था। आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है वह तीन दिन की पुलिस रिमांड पर है।
By GeetarjunEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 09:40 PM (IST)
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। महज आठवीं पास और उच्च शिक्षित प्रोफेसरों को बनाया आसानी से ठगी का शिकार। कई प्रोफेसर को विभिन्न यूनिवर्सिटी के कुलपति बनवाने के सपने दिखाकर लाखों रुपये हड़पने वाले नरेंद्र चौधरी के ठगी के कारनामे कुछ ऐसे ही हैं। मूलरूप से गांव हल्दाना समालखा पानीपत का रहने वाला नरेंद्र चौधरी के बारे में जब पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि वो महज आठवीं पास है।
राजनीतिक महत्वकांक्षा रखने वाला नरेंद्र छुटभैया नेता है। कई बड़े नेताओं से फोटो करवा कर लोगों पर रौब मारने माहिर नरेंद्र चौधरी ने साल 2019 में नीलोखेड़ी करनाल से उसने विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी की थी, मगर उसे किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला।
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नेताओं के पोस्टर लगाने शुरू किएचुनाव से पहले के प्रचार के दौरान उसने नेताओं के साथ अपने पोस्टर लगाए थे। इससे लोगों में उसकी पहचान बनने लगी और लोग अलग-अलग काम लेकर उसके पास आने लगे। एक प्रोफेसर की शिकायत पर सेक्टर-31 थाने में दर्ज 40 लाख रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया है।
इस तरह शुरू की थी ठगी की वारदात
सेक्टर-28 चौकी प्रभारी हर्षवर्धन ने बताया कि आरोपित की बेटी डीयू के सत्यवती कालेज की छात्रा थी। वह बेटी के कालेज जाता रहता था। इसी दौरान वह चुनाव की तैयारी कर रहा था। वह कालेज की प्राचार्या के कमरे में बैठता था। उसने उन्हें बताया था कि कई बड़े नेताओं से उसकी जान-पहचान है। वह उन्हें किसी भी यूनिवर्सिटी में कुलपति लगवा देगा।बड़े नेताओं के साथ उसकी फोटो देखकर प्राचार्या को उसकी बातों पर यकीन हो गया और कुलपति बनने के लिए उसे 40 लाख रुपये दे दिए। आरोपित ने यह रुपये चुनाव लड़ने की तैयारी में खर्च कर दिए। तब आरोपित को यह लगा था कि उसे टिकट मिल जाएगी और वह विधायक बन जाएगा।
इसके बाद वह प्राचार्या का काम आसानी से करा देगा, मगर ऐसा हुआ नहीं। चुनाव की तैयारी में उसका काफी रुपया खर्च हो गया था और कर्जा भी हो गया। चूंकि कालेज की प्राचार्य को उसने आसानी से ठग लिया, इसलिए उसे इस बात का अहसास हो गया कि बड़े नेताओं के नाम पर लोग आसानी से रुपया देते हैं। यहीं से उसे ठगी का चस्का लगा।कालेज प्राचार्या ने ही आरोपित को अन्य प्रोफेसर व कर्मचारियों से मिलवाया। आरोपित ने कई कर्मचारियों को सरकारी यूनिवर्सिटी में चपरासी, लाईब्रेरियन, चौकीदार, स्टोर कीपर जैसे पदों पर नौकरी का झांसा रुपये ऐंठ रखे हैं। कई लोगों ने उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है।
आरोपित कहता था यह तो मेरा चुटकियों का काम हैआरोपित के हाथों ठगे गए एक प्रोफेसर ने बताया कि आरोपित खुद को ऐसा दिखाता था जैसे उसकी कई बड़े नेताओं से अच्छी पहचान है। हर काम के लिए वह कहता था यह मेरा चुटकियों का काम है। उसके पास बड़े नेताओं के नाम से काल आती थीं। वह मोबाइल स्क्रीन पर उनके नाम दिखाता था।उनके साथ वह बिल्कुल परिवार के सदस्य की तरह बात करता था। उनसे कामों व रुपयों के लेनदेन के बारे में भी बात करता था। उसके मोबाइल में कई नेताओं के साथ फोटो भी थीं, जिन्हें वह अक्सर दिखाता था। इस तरह प्रोफेसर को उसके ऊपर विश्वास हो गया। हो सकता है कि उसने किसी अन्य व्यक्ति के मोबाइल नंबर नेताओं के नाम से मोबाइल में सेव कर रखे हों।
देहरादून में छिपाई है ठगी की रकमपूछताछ व ठगी के रुपयों की बरामदगी के लिए पुलिस ने उसे तीन दिन की रिमांड पर ले रखा है। आरोपित ने बताया है कि डीयू के प्रोफेसर से ठगे गए रुपये उसने देहरादून के इंद्रेश नगर में छिपाकर रखी है। ठगी के ज्यादातर पैसों को वह अपने प्रचार और नेताओं की आवभगत में खर्च कर चुका है।
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