हरियाणा देश के अन्य राज्यों के लिए बना रोल मॉडल: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दूरदर्शी सोच के अनुरूप व्यवस्था परिवर्तन की और सुशासन को लेकर कार्य किया और सफलतापूर्वक यह कठिन कार्य करके हरियाणा देश के अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गया है। उपराष्ट्रपति शनिवार को सूरजकुंड में हरियाणा सरकार के 9 अतुलनीय वर्ष-एक नए एवं जीवंत हरियाणा का उदय शीर्षक नामक पुस्तक के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दूरदर्शी सोच के अनुरूप व्यवस्था परिवर्तन की और सुशासन को लेकर कार्य किया और सफलतापूर्वक यह कठिन कार्य करके हरियाणा देश के अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन गया है। उपराष्ट्रपति शनिवार को सूरजकुंड में हरियाणा सरकार के 9 अतुलनीय वर्ष-एक नए एवं जीवंत हरियाणा का उदय शीर्षक नामक पुस्तक के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे। उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ पुस्तक का विमोचन किया।
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का यह काम इसलिए कठिन था क्योंकि ऐसा काम करने से सबसे पहले ऐसे लोग ही आपको चुनौती देते हैं जो आपके नजदीक होते हैं। ऐसे लोग सवाल खड़ा करते हैं कि सत्ता में क्यों आए हो, अपने लोगों को नौकरी नहीं देंगे तो हमें सपोर्ट कौन करेगा, पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समस्त हरियाणा को अपना परिवार माना और व्यवस्था परिवर्तन का काम कर दिखाया।
आज हरियाणा प्रदेश के पारदर्शी, जवाबदेही, ईमानदार तरीके से नौकरियों में नियुक्ति की चर्चा पूरे देश में हाेती है। आज घर पर जब किसी योग्य युवा को नियुक्ति पत्र मिलता है तो हैरान हो जाता है, क्योंकि पहले नौकरियों में भ्रष्टाचार होता था। वर्तमान हरियाणा सरकार ने मेरिट के आधार पर नौकरियां दी।
मिडल मेन का खेल खत्म किया। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि मनोहर लाल ने सात फेरे भी नहीं लिए और सात वचन पूरे करने का संकल्प भी नहीं लिया, पर सुसाशन के सात सिद्धांत शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुशासन और सेवा को सात्विक रूप से लागू कर प्रजातान्त्रिक मूल्यों के स्थापित कर दूसरे राज्यों के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दस साल में देश पूरी तरह से बदल गया है। दस साल पहले देश में घोटाले होते थे और अर्थव्यवस्था चिंताजनक स्थिति में होती थी, आज भ्रष्टाचार पर नियंत्रण है और अर्थव्यवस्था के मामले में हम विश्व की पांचवीं बड़ी महाशक्ति बन हैं।
आसान नहीं था पुस्तक विमोचन का निर्णय
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके लिए हरियाणा सरकार की इस पुस्तक का विमोचन करने का निर्णय आसान नहीं था। पूर्व राष्ट्रपति स्व.डा.शंकर दयाल शर्मा का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एक पुस्तक का विमोचन करने पर विपरीत टिप्पणी की गई थी। इसलिए पहले उन्होंने पुस्तक को पढ़ा और फिर विमोचन करने की सहमति दी।
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