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Faridabad Crime: ऑफिस में घुसकर बिजली विभाग के एसडीओ के साथ की मारपीट, शीशे भी तोड़े

एक युवक में ऑफिस में घुसकर बिजली विभाग के एसडीओ के साथ मारपीट की वारदात को अंजाम दिया है। युवक के शीशे भी तोड़ दिए। मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है। उपभोक्ता ने ऐसा क्यों किया पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। मारपीट करने वाले युवक का नाम निशिकांत है। वह जवाहर कॉलोनी में ही रहता है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 25 Jul 2024 07:20 AM (IST)
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Faridabad Crime: ऑफिस में घुसकर बिजली विभाग के एसडीओ के साथ की मारपीट (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। डबुआ थाना क्षेत्र में एक युवक में ऑफिस में घुसकर बिजली विभाग के एसडीओ और स्टाफ के साथ मारपीट की।

युवक ने ऑफिस के शीशे भी तोड़ दिए। जवाहर कॉलोनी एसडीओ अंकित सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि वह अपने ऑफिस में बैठकर काम निपटा रह था। तभी एक उपभोक्ता ऑफिस में घुसा और उनके साथ मारपीट करने लगा।

जब उनका स्टाफ बचाने के लिए आया तो उसके साथ भी मारपीट की। युवक ने गुस्से में आकर ऑफिस में शीशे भी तोड़ दिए। मारपीट करने वाले युवक का नाम निशिकांत है। वह जवाहर कॉलोनी में ही रहता है। पुलिस ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

तहसीलदारों पर मनमर्जी से रजिस्ट्री बंद करने का आरोप

तहसील में मनमर्जी से रजिस्ट्री करने और बंद करने का आरोप तहसीलदारों पर लगाया गया है। एडवोकेट बिजेंद्र दत्त कौशिक ने इस मामले की शिकायत जिला उपायुक्त व जिला राजस्व अधिकारी को दी। साथ ही पिछले महीने दी गई तहसीलदारों के खिलाफ शिकायत के बारे में अपडेट जानकारी ली।

बिजेंद्र दत्त ने बताया कि उनकी शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि उन्होंने अपने आरोप से संबंधित पर्याप्त दस्तावेज अधिकारियों को दिए थे। बीच में उन पर शिकायत वापस लेने का भी दबाव बनाया गया था। इधर-उधर से फोन कराए जा रहे थे लेकिन उन्होंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली। अब उन्होंने बताया कि तहसीलदारों ने एनआइटी के फ्लोर की रजिस्ट्री बंद कर दी थी। अब फिर से चालू कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों को इसकी निगरानी जरूर करनी चाहिए। अधिकारी अपने मन से कैसे ऐसा कर सकते हैं। जब वह इसकी शिकायत करने तहसीलदार के कार्यालय गए तो वहां बाहर ताला लगा हुआ था। यहां कोई बताने वाला नहीं था कि तहसीलदार कब आएंगे। बाहर काफी लोग बैठे हुए थे जिन्हें अलग-अलग काम कराने थे। ऐसे लोग दिनभर परेशान रहते हैं, लेकिन अधिकारी का कुछ पता नहीं होता।

बिजेंद्र दत्त का आरोप है कि इस मामले की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले को लेकर तहसीलदार नेहा सहारन व नायब तहसीलदार उमेश कसाना का पक्ष लेने के लिए फोन किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाए।