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प्रतिभाओं को उचित मंच मिलने पर सामने आएंगे परिणाम

मानव रचना शिक्षण संस्थान जहां शिक्षा के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य कर सुशिक्षित समाज के निर्माण में योगदान दे रहा है वहीं खेलों के क्षेत्र में भी यह संस्थान खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की नई सुविधाएं मुहैया करा रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 06:32 PM (IST)
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प्रतिभाओं को उचित मंच मिलने पर सामने आएंगे परिणाम

मानव रचना शिक्षण संस्थान जहां शिक्षा के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य कर सुशिक्षित समाज के निर्माण में योगदान दे रहा है, वहीं खेलों के क्षेत्र में भी यह संस्थान खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की नई सुविधाएं मुहैया करा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रांगण में व संस्था के स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से युक्त शूटिग रेंज, फुटबाल स्टेडियम, बैडमिटन कोर्ट, टेनिस, टेबिल टेनिस, स्कवाश कोर्ट स्थापित हैं, वहीं ग्राम पाली में शाटगन रेंज है। संस्थान के छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में शानदार प्रदर्शन कर देश-प्रदेश के लिए गौरव अर्जित कर रहे हैं। निशानेबाजी, बैडमिटन, क्रिकेट सहित विभिन्न अन्य खेलों में प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने संस्थान का चयन राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन अवार्ड के लिए किया और राष्ट्रपति ने अध्यक्ष डा. प्रशांत भल्ला व उपाध्यक्ष डा. अमित भल्ला को यह अवार्ड प्रदान किया। मानव रचना वर्ष 2007 से दिल्ली-एनसीआर स्तर पर कारपोरेट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन भी कर रहा है, जिसमें मारुति-सुजुकी, एस्का‌र्ट्स, एचसीएल, एनएचपीसी सहित देश की नामी कंपनियां व औद्योगिक घरानों की टीमें हिस्सा लेती हैं। दैनिक जागरण के सुशील भाटिया ने संस्थान के उपाध्यक्ष डा. अमित भल्ला से खेलों गतिविधियों को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर विस्तृत बातचीत की, प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:- शिक्षा जगत में पहचान रखने वाले आपके संस्थान को केंद्र सरकार से राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन अवार्ड मिला है, किन शब्दों में प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे?

सुशिक्षित समाज के निर्माण के साथ-साथ मानव रचना संस्थान ने समय के साथ चल कर खेलों को बढ़ावा देने की नब्ज को भी पहचाना है और नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का काम किया है। इसमें सिर्फ हमारा ही नहीं बल्कि इसमें विभिन्न खेलों की एसोसिएशन व फेडरेशन की भी भूमिका है। खेल मंत्रालय की अलग भूमिका है। खेल विभाग हैं। उनके सबसे योगदान से पिछले एक दशक से काफी कुछ सीखा और एक ऐसा माडल बना पाए, जिससे हम खेलों को जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर पर विकसित करने में कुछ कामयाब हो पाए। खेल मंत्रालय ने हमारे संस्थान की उपलब्धियों को देखा, सराहा और यह अवार्ड दिया। किस तरह से यह ख्याल आया कि खेलों में कुछ बड़ा होना चाहिए?

यह हमारे संस्थान के संस्थापक डा. ओपी भल्ला की सोच थी कि स्कूली बच्चे खेलों में भी आगे बढ़ें, अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल लेकर आएं। उनका यह मानना था कि बच्चों में एक अलग तरह की ऊर्जा होती है। ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से उपयोग में लाया जाए, तो कुछ अलग निकल आएगा। ऊर्जा का सदुपयोग न किया जाए, तो फिर गलत दिशा में खर्च होगी। इसका समाज को नुकसान होगा। अब खेल एक ऐसा माध्यम है, जिसमें ऊर्जा को बखूबी खर्च किया जा सकता है। यह सही दिशा में खर्च होगी, तो परिणाम सामने आएंगे।

फिर जब बच्चे मैदान में खेलते नजर आएंगे, तो उनका चरित्र एक अलग तरह से विकसित होगा, व्यवहार अलग होगा, जिदगी में जीत-हार के मायने समझ में आएंगे। अच्छा खिलाड़ी न भी बन पाएं, पर खेल अच्छा इंसान तो बना ही देता है। डा. ओपी भल्ला की इसी सोच को हमारे खेल निदेशक सरकार तलवाड़ ने आगे बढ़ाया। कारपोरेट क्रिकेट का यह 15वां संस्करण है, कारपोरेट क्षेत्र में खेल की एक अलग तरह की संस्कृति विकसित की है, क्या कहेंगे?

देखिए, आज के समय में कारपोरेट क्षेत्र में बड़ा तनाव है। इस तरह के आयोजन तनाव को कम करने में सहायक साबित हो रहे हैं। छोटे-बड़े अधिकारी जब मैदान पर उतरते हैं, तो फिर तनाव हो जाता है। एक-दूसरी कंपनियों, औद्योगिक घरानों के अधिकारी-प्रबंधक एक-दूसरे से मिलते हैं। यह मंच संबंध-संपर्क निर्माण में भी सहायक साबित हो रहा है। आपने संबंध-संपर्क निर्माण की बात की, इसमें किस तरह मदद मिल रही है?

देखिए, आज पूरा विश्व प्रतिस्पर्धा की भावना से अलग हट कर सहयोगात्मक भावना के साथ आगे आ रहा है। सारे लोग मिल कर कुछ अच्छा करना चाहते हैं। इस मंच के जरिए विभिन्न घरानों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उद्योग प्रबंधकों को एक-दूसरे के नजदीक आकर कुछ जानने का मौका मिल रहा है। किसको क्या कहां मिल सकता है, इस बारे में पता चल रहा है। इसके जरिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। तो हमारा मानना है कि टूर्नामेंट एक अच्छा माध्यम बन रहा है। खेल क्षेत्र में भविष्य की क्या योजनाएं हैं?

हमने 10, 25 व 50 मीटर की शूटिग रेंज स्थापित है। ग्राम पाली में शाटगन रेंज है। हाल ही संस्थान ने नोएडा विकास प्राधिकरण के सहयोग से नोएडा में एक शूटिग रेंज लीज पर ली है। हाल ही हमने नोएडा विकास प्राधिकरण के सहयोग से नोएडा में एक शूटिग रेंज लीज पर ली है। इसके जरिए हम खेलों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। विभिन्न खेल एसोसिएशन एवं फेडरेशन के साथ हम प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं। हमारा सपना है और उद्देश्य है कि ओलिपिक में फरीदाबाद व हरियाणा के खिलाड़ी पदक लेकर आएं और इसमें हमारा योगदान हो। हालांकि यह आसान नहीं है, पर जब आम प्रतिभाशाली खिलाड़ी से लेकर खास तक को अंततराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी, तो परिणाम सामने आएंगे।

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