यहां पर हो सकता है अमृतसर जैसा ट्रेन हादसा
जीआर द्वारा रेलवे ट्रैक पार करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाए जाते है। इसके अलावा रेलवे लाइन पर बैठने व पार करने वालों के चालान भी किए गए है। वहीं आरपीएफ थाना प्रभारी राजकपूर लांबा ने बताया कि रेलवे ट्रैक के दोनों ओर चार दीवारी कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शुक्रवार दशहरा की शाम को अमृतसर के जोड़ा फाटक पर हुए ट्रेन हादसे की पुनरावृत्ति औद्योगिक नगरी में भी हो सकती है। शहर से होकर गुजरने वाला रेलवे ट्रैक भी खुला है और कोई भी कहीं से भी आसानी से ट्रैक पर आ जाता है। ट्रैक के चारों तरफ चारदीवारी नहीं होने की वजह से एनसीआर में सबसे अधिक ट्रेन की चपेट में आने से मौत होती है। अब तक 250 से अधिक मौतें ट्रेन की चपेट में आने से हुई हैं। इन मौतों के बाद भी रेलवे प्रशासन ने कभी कोई सुध नहीं ली है। शायद रेलवे प्रशासन को अमृतसर जैसे बड़े हादसे का इंतजार है। ट्रैक से होकर आते-जाते हैं लोग
फरीदाबाद से होकर गुजरने वाले रेलवे ट्रैक के किनारे कॉलोनियां बसी हुई है। यह ट्रैक ओल्ड फरीदाबाद और एनआइटी क्षेत्र को विभाजित करता है। इसके अलावा इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग एनआइटी से राष्ट्रटीय राजमार्ग पर जाने और वहां से वापस आने के लिए रेलवे ट्रैक पार करते हैं। इस दौरान लोग चपेट में भी आ जाते हैं। इसके अलावा शाम को होते ही रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं। न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले अधिकतर लोग एनआइटी के निवासी होते हैं और यहां उतरकर एनआइटी की तरफ आते हैं। रेलवे ट्रैक पर बैठे रहते हैं लोग
न्यू टाउन रेलवे स्टेशन के के ऊपर से बाटा फ्लाई ओवर का गुजर रहा है और इस फ्लाई ओवर के नीचे फल, जूस, मोबाइल वालों की दुकानें हैं। यहां लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे रहते हैं। ट्रेन अपने पर ट्रैक पर बैठे लोगों में अचानक भगदड़ मच जाती है। इसके अलावा ऐसा ही कुछ हाल मुजेसर फाटक पर देखने को मिलता है। यहां पर फाटक बंद रहता है, लेकिन मोटरसाईकिल सवार फाटक के नीचे से निकलने की कोशिश करते हैं। ऐसे में कई लोग चपेट में आ चुके हैं। इसके बाद भी लोगों ने सबक नहीं लिया है। वहीं लोग ट्रैक पर भी बैठे रहते हैं। जीआरपी थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि रेलवे ट्रैक पार करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इसके अलावा रेलवे लाइन पर बैठने व पार करने वालों के चालान भी किए गए हैं। वहीं आरपीएफ थाना प्रभारी राजकपूर लांबा ने बताया कि रेलवे ट्रैक के दोनों ओर चार दीवारी कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया है।