Haryana News: किसानों के लिए जरूरी खबर, 4 दिनों तक बंद रहेगी अनाज मंडी; ये तारीख कर लें नोट
फतेहाबाद अनाज मंडी में धान की आवक जारी है लेकिन त्योहारी सीजन के चलते 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मंडी बंद रहेगी। अब तक 24599 किसानों से 3.82 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। किसानों को मंडी में जगह नहीं मिल पा रही है और उठान कार्य भी धीमा है। बता दें कि अगले सात दिनों में परमल धान की कटाई भी पूरी हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। जिले में इस समय धान की कटाई का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस समय में किसान लगातार मंडी में धान लेकर पहुंच रहे है। लेकिन यहां किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगले सप्ताह त्योहारी सीजन में कारण चार दिनों का अवकाश रहेगा। यहीं कारण है कि लगातार किसान मंडी में धान लेकर आ रहे है ताकि समय पर बेच सकें।
जिले में इतने मैट्रिक टन की हुई है खरीद
जिले की विभिन्न मंडियों व खरीद केंद्रों से अब तक 24599 किसानों की तीन लाख 82 हजार 845 मीट्रिक टन धान की फसल की खरीद हुई है। जिसमें से फूड सप्लाई ने 4372 किसानों की 78 हजार 902 मीट्रिक टन, हैफेड ने 9371 किसानों की एक लाख 34 हजार 651 मीट्रिक टन तथा एचडब्ल्यूसी ने 10856 किसानों की एक लाख 69 हजार 292 मीट्रिक टन धान की फसल की खरीद की है। इसके साथ ही मंडियों से खरीदी गई धान फसल का उठान कार्य भी किया जा रहा है।
जिला में अब तक दो लाख 62 हजार 402 मीट्रिक टन धान की फसल का उठान किया जा चुका है। जिसमें फूड सप्लाई ने 63 हजार 411 मीट्रिक टन, हैफेड ने 84 हजार 412 मीट्रिक टन तथा एचडब्ल्यूसी ने एक लाख 14 हजार 579 मीट्रिक टन धान की फसल का उठान किया है।
मंडी में नहीं मिल रही जगह, उठान कम
अधिकारियों ने जो डाटा जारी किया है उसके अनुसार 70 प्रतिशत उठान हो गया है। लेकिन अब भी मंडी में धान की बोरियों की ढेरियां लगी हुई है। यहीं कारण है कि रविवार को सबसे पहले उठान कार्य किया जाएगा उसके बाद ही खरीद किया जाएगा।
वहीं व्यापारियों को आदेश दिया गया है कि जिनका नंबर आए उसी किसान को बुलाए। वहीं कुछ जगह धान की फसल में नमी आने के कारण खरीद में देरी हो रही है। वहीं किसानों का कहना है कि मंडी में एक से दो दिन गुजारने पड़ रहे है।
दरअसल किसान मंडी में धान की ढेरी लगा रहे है। अगर घर चले जाए तो धान चोरी होने की संभावना भी रहती है। ऐसे में किसान अपने साथ चारपाई भी लेकर आए है।यह भी पढ़ें- दल-बदलने पर भी नहीं होती कार्रवाई, संविधान में विधानसभा स्पीकर और उपाध्यक्ष के लिए क्या है खास नियम
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