हरियाणा के इस जिले में गहरा सकता है बिजली संकट, अधर में हैं कई प्रोजेक्ट; अगले साल गर्मियों में आएगी परेशानी
Fatehabad Electricity Projects हरियाणा के फतेहाबाद जिले में अगले साल बिजली संकट काफी ज्यादा गहरा सकता है। कई बिजली प्रोजेक्ट इस समय अधर में है। निगम ने जिले में 10 नए बिजलीघर बनाने का टेंडर जारी किया। 10 में से 8 टेंडर हैदराबाद की न्यूलिन इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म ने लिया लेकिन काम शुरू करने के बाद बीच में ही छोड़ दिया।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। Fatehabad Electricity Problem प्रति वर्ष बिजली की खपत बढ़ने से लोड बढ़ जाता है। निगम को हर साल 15 से 20 प्रतिशत बिजली खपत अधिक को पूरा करने के हिसाब से संसाधन जुटाने पड़ते हैं, ताकि लोगों को बिजली सप्लाई सही से मुहैया करवाई जा सके। निगम उसी के अनुसार हर साल नए बिजलीघर बनाने के साथ पुराने की क्षमता भी बढ़ाता है।
इस बार भी निगम ने जिले में 10 नए बिजलीघर बनाने का टेंडर जारी किया। 10 में से 8 टेंडर हैदराबाद की न्यूलिन इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म ने लिया, लेकिन काम शुरू करने के बाद बीच में ही छोड़ दिया। अब अधिकारी परेशान हैं। क्योंकि दोबारा से टेंडर जारी करते हैं तो लंबी प्रक्रिया होगी। ऐसे में बिजलीघरों का निर्माण आगामी मार्च महीने से पहले नहीं होगा। निगम के अधिकारी चाहते हैं कि आगामी वर्ष अप्रैल से पहले बिजलीघर शुरू हो जाए, ताकि गर्मी में बिजली सप्लाई को लेकर परेशानी नहीं आए।
अब दमकौरा व रत्ताखेड़ा में ही निर्माण कार्य शुरू, बाकी सभी जगह काम बंद
जिले में बनने वाले 10 बिजलीघर के लिए दो कंपनियों ने टेंडर लिए थे। हैदराबाद की न्यूलिन इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म के पास झलनियां, एमपी रोही, ढांड, जाखनदादी, बाड़ा, म्योदाकलां, हसंगा व दादपुर का ठेका था। वहीं भिवानी की डीके इलेक्ट्रोनिक फर्म के पास रत्ताखेड़ा व दमकौरा का ठेका। अब यहां पर ही निर्माण कार्य चल रहा है। बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार एक बिजली घर बनाने पर करीब सवा दो करोड़ रुपये का टेंडर हुआ था। उसी के अनुसार निर्माण कार्य का वर्क आर्डर भी अलाट कर दिए थे।
जिले में 33 केवी के साथ 132 व 220 केवी के बिजली की भी जरूरत
बिजली निगम जो 10 नए बिजलीघर बना रही है वे सभी 33 केवी बिजलीघर है। इनकी संख्या जिले में फिलहाल 54 है। निगम के अधिकारियों के अनुसार ये दो से ढाई एकड़ में बन जाते हैं। वहीं 132 केवी व 220 केवी बिजलीघर की भी जरूरत है, लेकिन इसके लिए जमीन नहीं मिल रही। निगम पंचायत की जमीन लेकर ही बिजलीघर का निर्माण करता है। जिसके लिए सात से आठ एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है। जो पंचायत देने के लिए तैयार नहीं होती।
बिजली का लोड बढ़ रहा, इसलिए नए बिजलीघर की पड़ रही जरूरत
निगम के अनुसार जो 10 बिजलीघर प्रस्तावित थे। इनका निर्माण होने से आसपास गांवों में चल रहे बिजलीघरों का लोड कम हो जाएगा। अब हर साल बिजली उपभोक्ताओं की संख्या उतनी नहीं बढ़ रही जितना लोड बढ़ रहा है। जिले में बिजली निगम के अब 2 लाख 80 हजार उपभोक्ता हैं। निगम के अनुसार अधिकांश उपभोक्ताओं के घरों में हर साल बिजली के उपकरण बढ़ने के साथ लोड भी बढ़ जाता है। जो प्रति वर्ष 15 से 20 प्रतिशत होता है। इसकी मुख्य वजह घरों में एसी लगने का प्रचलन बढ़ना है।