Haryana: शिक्षा विभाग का प्राइमरी एजुकेशन पर जोर, बच्चों से लिया जाएगा शिक्षकों का फीडबैक; तय होगी जिम्मेदारी
Haryana Primary Education हरियाणा में शिक्षा विभाग का पूरा जोर प्राइमरी एजुकेशन पर रहेगा। शिक्षा विभाग ने शिक्षा में सुधार के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया है। पहली से तीसरी कक्षा तक के छात्रों से अध्यापकों का फीडबैक लिया जाएगा। छात्रों से पूछा जाएगा कि अध्यापक उन्हें कैसा पढ़ा रहे हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर अध्यापकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
By Amit KumarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 20 Sep 2023 02:45 PM (IST)
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। New Education Policy राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निपुण भारत मिशन के माध्यम हरियाणा के समस्त प्राथमिक विद्यालयों में बाल वाटिका से लेकर कक्षा तीसरी तक की पढ़ाई पर अब शिक्षा विभाग ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। एफएलएन के तहत अध्यापकों की ट्रेनिंग भी करवाई जाती है। जिसमें बताया जाता है कि छोटे बच्चों को खेल-खेल में कैसे पढ़ाना है। कई स्कूलों में तो इस पर काम हो रहा है। लेकिन कुछ स्कूलों में इस पर काम कम हो रहा है। यही कारण है कि अब इसका निरीक्षण किया जाएगा।
सीएसफए, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन व संपर्क फाउंडेशन द्वारा कक्षा 1 से 3 में विद्यार्थियों के एफएलएन परिणामों को बेहतर बनाने के दृष्टिकोण से शिक्षा विभाग के साथ कार्य किया जा रहा है। सीएसएफ की सहयोगी संस्था एआरएफ रिसर्ज के क्षेत्र अंवेषकों की टीम द्वारा सरकारी स्कूलों में निपुण हरियाणा मिशन की प्रगति की व्यापक जांच करने के लिए जिला स्तर पर स्कूल विजिट को अधिकृत किया गया है।
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इस कार्यक्रम का उद्देश्य निपुण हरियाणा मिशन के क्रियान्वयन और परिणामों का एक व्यापक अध्ययन करना है। यह निरीक्षण आज से 15 अक्टूबर तो किया जाना है। संस्था द्वारा प्रत्येक जिले के दो खंडों में दस विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा।
जिले में दो खंडों का होगा निरीक्षण
शिक्षा विभाग की ने जो शेड्यूल जारी किया है उसके अनुसार फतेहाबाद व टोहाना के स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण प्राथमिक स्कूलों का होगा। जिसमें बच्चों से जानकारी भी हासिल की जाएगी। यह निरीक्षण कब होगा तिथि तय नहीं की गई है। लेकिन 15 अक्टूबर तक यह निरीक्षण कर रिपोर्ट देना है। विद्यार्थियों से फीडबैक लेने के साथ अध्यापकों से भी प्रश्न किए जाएंगे। जिसकी एक रिपोर्ट बनाई जाएगी उसके बाद शिक्षा विभाग अपनी रणनीति तैयार करेगा।इस सर्वेक्षण की प्रक्रिया में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी
-प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण और सीखने के सत्रों का अवलोकन करना।-शिक्षक मार्गदर्शिकाओं, अभ्यास पुस्तिकाओं एवं ट्रैकर्स के उपयोग का अवलोकन करना।-शिक्षण और सीखने के अन्य पहलुओं का अवलोकन किया जाएगा।-शिक्षकों को जो पहले ट्रेनिंग दी गई थी उनके अनुसार पढ़ाई हो रही है या नहीं।
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