Fatehabad News: फतेहाबाद में पराली जलाने के एक तिहाई से ज्यादा मामले, अफसरों पर लटकी तलवार; कैथल में 87 किसान नामजद
हरियाणा में किसानों को पराली प्रबंधन के संसाधन देने में भी जिला प्रशासन पिछड़ा हुआ है प्रदेश में पराली जलाने के कुल मामलों में एक तिहाई मामले अकेले फतेहाबाद में हैं। साथ ही दो कृषि अधिकारी निलंबित 80 से अधिक कर्मचारियों को प्रशासन नोटिस थमा चुका है अब थानाध्यक्षों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है। वहीं किसानों पर एफआईआर की भी कार्रवाई नहीं की गई है।
अमित रूखाया, फतेहाबाद। पराली जलाने के मामलों में फतेहाबाद जिला पूरे प्रदेश में कुख्यात हो गया है। प्रदेशभर में मिली फायर लोकेशन में से एक तिहाई अकेले फतेहाबाद जिले की हैं। पराली जलाने से रोकने के लिए लगाई गई अधिकारियों-कर्मचारियों की फौज में से जिला प्रशासन दो कृषि अधिकारियों को निलंबित कर चुका है, छह को चार्जशीट करने की सिफारिश भेजी जा चुकी है और 80 से अधिक कर्मचारियों-पटवारियों और ग्राम सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब-तलबी भी की गई है, लेकिन एक भी किसान के खिलाफ जिला प्रशासन ने पराली जलाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की जहमत या यूं कहिये हिम्मत नहीं जुटाई है।
बीते दिन भड़ोलांवाली में पराली जलाने का मामला भी दो किसानों के बीच का विवाद बताया गया है। ये तो बात रही कार्रवाई की, फतेहाबाद जिला प्रशासन किसानों को पराली प्रबंधन के लिए उचित संसाधन तक उपलब्ध करवाने में नाकाम रहा है।
औपचारिक आंकड़ों की बात की जाए तो जितने बेलर देने का टारगेट कृषि विभाग ने रखा था, उसका तीसरा हिस्सा भी किसानों तक नहीं पहुंच सका है। इतना ही नहीं, जिलेभर में 130 के करीब पुराने बेलर कंडम हो चुके हैं, उसको लेकर भी कृषि विभाग ने समय रहते सुध नहीं ली। जिसका खामियाजा जिलावासियों को जहरभरी हवा में सांस लेते हुए भुगतना पड़ रहा है। इस बारे में बात करने के लिए जिला उपायुक्त अजय सिंह तोमर से दो बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों बार ही उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जिले में पुराने 130 बेलर कंडम, आधे भी मुहैया नहीं करवा सका प्रशासन
पिछले दो सालों में फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाओं में खासी कमी दर्ज की गई थी। इसके पीछे प्रशासन द्वारा पराली प्रबंधन के लिए जरूरी उपकरण समय पर किसानों को उपलब्ध करवाना एक बड़ा कारण था। इस बार हालात बिगड़ने की एक अहम वजह अफसरी लापरवाही भी रही। कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो फतेहाबाद जिले में तीन सौ के करीब बेलर हैं। इसमें से 130 बेलर कंडम हो चुके हैं। इतना ही नहीं, कृषि विभाग का दावा था कि समय रहते फतेहाबाद के किसानों को डेढ़ सौ बेलर उपलब्ध करवाए जाएंगे। लेकिन फील्ड में किसानों के पास आधे बेलर भी नहीं पहुंच सके। ऐसे में किसानों के पास पराली को आग लगाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा।
फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाएं 500 पार, 40 हजार एकड़ में धान की कटाई बाकी
फतेहाबाद जिले में रविवार सुबह तक पराली जलाने की घटनाएं 500 के आंकड़े को पार कर गई है। कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी भले ही ये आंकड़े पेश कर अपनी पीठ थपथपा लें कि वर्तमान समय तक पिछले साल पराली जलाने की 580 घटनाएं हुई थी। लेकिन चिंताजनक बात ये है कि रतिया इलाके की तकरीबन 40 हजार एकड़ जमीन पर धान की कटाई अभी तक नहीं हो सकी है। ऐसे में सरकारी खरीद बंद होने के चलते अब किसान आनन-फानन में धान की कटाई में जुट गए हैं और गेहूं की बिजाई में देरी से बचने के लिए पराली जलाने की घटनाओं में एकाएक तेजी आने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
कैथल जिले में अबतक 87 किसानों पर एफआईआर
दूसरी ओर कैथल जिला जो पराली जलाने के मामलों में टॉप तीन में रहता था, लेकिन इस बार कैथल ने इस दिशा में शानदार काम करते हुए पराली जलाने के मामलों में अभूतपूर्व कमी लेकर आया है। अबतक पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामले आधे से भी कम होने के बावजूद कैथल प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ ना केवल जुर्माना किया है, बल्कि एफआइआर तक करने की हिम्मत दिखाई है। कैथल जिले में पराली जलाने के लगभग सवा चार सौ मामले आए हैं, लेकिन कैथल प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए वहां के 87 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज भी किया है। इतना ही नहीं, पराली जलाने वाले किसानों से पौने छह लाख रूपये जुर्माना वसूल किया गया है।
पिछले कुछ दिनों से मिली फायर लोकेशन
तिथि | फायर लोकेशन |
13 नवंबर | 24 |
14 नवंबर | 02 |
15 नवंबर | 36 |
16 नवंबर | 15 |
17 नवंबर | 15 |
18 नवंबर | 10 |
इन आंकड़ों पर डाले नजर
अब तक कितनी लोकेशन मिली: 501
कितने किसानों पर लगाया जुर्माना : 275
कितने रुपये लगाया जुर्माना : 7 लाख
कितने गांव रेड जोन में : 93
येलो जोन में गांव : 69
कितने कर्मचारियों पर गिरी गाज: 5
अब तक कितने अधिकारियों व कर्मचारियों को मिल चुका नोटिस : 80