Haryana News: होली के बाद सरसों की खरीद शुरू करने के आदेश, एजेंसियों ने अब तक नहीं बनाई व्यवस्था; किसानों ने की ये मांग
प्रदेश सरकार ने होली के बाद सरसों की खरीद के आदेश दे दिए हैं हालांकि एजेंसियों ने अब तक इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई है। इस बार किसान सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे है। वहीं किसान संगठनों की मांग है कि जल्द से जल्द खरीद शुरू हो सके। सरसों की खरीद 26 मार्च से लेकर 1 मई तक होगी।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। प्रदेश सरकार ने सरसों के लिए खरीद एजेंसी मंडियों के अनुसार निर्धारित करते हुए मंगलवार से खरीद शुरू करने के निर्देश दिए है, लेकिन खरीद एजेंसियों की अभी तक तैयारी पूरी नहीं हुई। इससे किसानों में रोष है। प्रदेश सरकार ने सरसों के लिए 107 अनाज मंडी बनाई हैं जिसमें से 3 अनाज मंडी फतेहाबाद जिले में है। इनमें भी फतेहाबाद व भट्टू में खरीद का कार्य हरियाणा वेयर हाउस करेगी, वहीं भूना में हैफेड खरीद करेगी। तीनों जगह की खरीद एजेंसियों ने खरीद के लिए अभी तक व्यवस्था बनाने का काम शुरू नहीं किया। ऐसे में किसानों को परेशानी आएगी।
प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार, सरसों की खरीद 26 मार्च से लेकर 1 मई तक होगी। दरअसल, प्रदेश व केंद्र सरकार तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए कुछ सालों से सरसों की सरकारी खरीद कर रही है। इससे सरसों का रकबा बढ़ रहा है। इस बार करीब 53 हजार एकड़ में सरसों की रिकॉर्ड खेती की गई। ऐसे में सरकारी खरीद का भी रिकॉर्ड टूट सकता है। कृषि विभाग के अनुसार, करीब 38 हजार एकड़ से अधिक किसानों ने सरसों की खेती का पंजीकरण करवाया है। इस बार जिले के सभी खंडों में सरसों की खेती की हुई है।
मार्केट भाव कम, एमएसपी अधिक, इसलिए किसान कर रहे इंतजार
गत वर्ष की तरह इस बार भी सरसों का समर्थन मूल्य सरकार ने अधिक तय किया हुआ है। जबकि मार्केट में सरसों का भाव कम चल रहा है। किसान चाहते है कि सरकार जल्द सरसों की सरकारी खरीद शुरू करें, जिससे वे अपनी फसल को निर्धारित समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच सके। अब सरसों का भाव मंडी में 4800 से लेकर 5200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। ऐसे में सरकारी खरीद शुरू होने के साथ ही किसानों को प्रति क्विंटल करीब 600 से 800 रुपये का फायदा होगा।अभी तक तय नहीं हुए हेंडलिंग एजेंट, ट्रांसपोर्ट का भी दिया जाएगा टेंडर
सरकार ने भी अनाज मंडियों के लिए खरीद एजेंसी तय करने में समय लगा दिया। ऐसे में न तो अभी तक सरसों की खरीद के लिए हेंडलिंग एजेंट तय हुए न ही ट्रांसपोर्ट का ठेका निर्धारित किया गया। इतना ही नहीं बारदाने के साथ खरीद करवाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी तक निर्धारित नहीं हो पा रही है। किसान संगठनों की मांग है कि जिसे भी हेंडलिंग एजेंट के तौर पर नियुक्त किया जाता है उसके बाद प्राप्त लेबर होनी चाहिए। वहीं ट्रांसपोर्ट के पास गाड़ी हो तभी ठेका दिया जाएग। सरसों की खरीद स्थायी सरकारी कर्मचारी करवाए न ही आउटसोर्सिंग से लगे हुए कर्मचारी।
भट्टू में होगी सबसे ज्यादा आवक
प्रदेश सरकार ने जिले की तीन अनाज मंडी फतेहाबाद, भूना व भट्टूकलां को सरसों की खरीद के लिए निर्धारित की है। तीनों अनाज मंडियों में सबसे अधिक आवक भट्टूकलां में होने की उम्मीद है। अकेले भट्टू क्षेत्र के 17 हजार किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण करवाया हुआ है। करीब 1 लाख क्विंटल सरसों की आवक होने की संभावना है। इसके बाद भूना व फतेहाबाद में सरसों की आवक होगी।ये भी पढ़ें: Holi 2024: हुड़दंग करने वाले सावधान! सख्ती से निपटेगी हरियाणा पुलिस, 15 नाके लगाए; बुलेट वालों पर भी होगी नजर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नमी की मात्रा तय करेगी खरीद प्रक्रिया
सरकार को एमएसपी पर फसल बेचने के लिए किसानों को फसल पंजीकरण के दस्तावेज के अलावा नमी की मात्रा को लेकर परेशान किया जाता है। सरकारी खरीद एजेंसी की नमी मापक मशीन अधिक नमी बताती है। सरकार के अनुसार सरसों में 8 प्रतिशत ही नमी होनी चाहिए। जबकि मशीन सही न होने के कारण परेशानी आती है। अक्सर खरीद के तौर नमी को लेकर हंगामा होता है। जो खरीद एजेंसी में नमी 10 से 12 आती है, वहीं प्राइवेट मशीन में नमी 8 प्रतिशत तक आती है।पिछले तीन वर्षों में सरसों की खरीद वर्ष जिले में सरसों की आवक
2023-24 | 1 लाख 40 हजार क्विंटल |
2022-23 | 70 हजार क्विंटल |
2021-22 | 1 लाख 60 हजार क्विंटल |
हैफेड डीएम राजेश हुड्डा ने कहा कि हैफेड को भूना में सरसों की खरीद की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। बस सरसों में नमी की मात्रा सरकार के निर्देशानुसार होनी चाहिए।
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