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Haryana News: तीस साल बाद आज फिर निशान सिंह ने किया घर वापसी, पूर्व मंत्री बबली पर टिकी कांग्रेस-भाजपा की निगाहें

तीस साल बाद आज फिर निशान सिंह कांग्रेस में लौटे। जजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिंह के आने से टोहाना में हुड्डा गुट और मजबूत होगा। वहीं दूसरी ओर जजपा नेता और पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली पर भाजपा-कांग्रेस की निगाहें टिक गई हैं। एसआरके गुट तो बबली से एक दौर की वार्ता भी कर चुका है। फतेहाबाद की तरह टोहाना में भी कांग्रेस में टिकट को लेकर खींचतान होगी।

By Amit Kumar Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Mon, 29 Apr 2024 04:21 PM (IST)
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Haryana Politics News: तीस साल बाद आज फिर निशान सिंह ने किया घर वापसी।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। (Haryana Lok Sabha Elections 2024 Hindi News) जननायक जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं टोहाना से पूर्व विधायक निशान सिंह आज आखिरकार तीस साल बाद कांग्रेस पार्टी में वापसी किया। हुड्डा की मौजूदगी में सिंह ने कांग्रेस का हाथ थामा। इसके अलावा आदमपुर से जेजेपी (JJP News) के उम्मीदवार रहे रमेश गोदारा (Ramesh Godara) भी कांग्रेस में शामिल हुए।

निशान सिंह (Nishan Singh) के कांग्रेस में शामिल होने के बाद टोहाना में हुड्डा गुट को काफी मजबूती मिलेगी। टोहाना गुट में अभी तक पूर्व मंत्री परमवीर और हरपाल सिंह बुडानिया कांग्रेस की राजनीति करते आ रहे हैं, लेकिन अब निशान सिंह के आने से इन दोनों को भी टिकट को लेकर कड़े मुकाबले का सामना करना होगा।

बबली पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की नजरें

उधर निशान सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद अब सबकी निगाहें पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक देवेंद्र सिंह बबली (Devendra Singh Babli) पर टिक गई हैं। सूत्रों की मानें तो बबली पर कांग्रेस और भाजपा दोनों की नजरें हैं और कांग्रेस के एसआरके ग्रुप ने देवेंद्र बबली से एक दौर की बातचीत भी कर ली है। फतेहाबाद के विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया इसके सूत्रधार बने हुए हैं।

सुभाष बराला औद देवेंद्र बबली में छत्तीस का आंकड़ा

उनके प्रयासों से देवेंद्र बबली कांग्रेस (Haryana Congress) का रूख कर सकते हैं, हालांकि हाल ही में शुरू हुई विजिलेंस जांच का बबली के राजनीतिक प्रयासों पर असर पड़ेगा या नहीं, ये देखना भी दिलचस्प रहेगा। भारतीय जनता पार्टी (Haryana BJP) भी अपने दिग्गज नेता एवं राज्यसभा सांसद सुभाष बराला (Subhash Barala) से बबली की प्रतिद्वंदिता के बावजूद देवेंद्र बबली को अपने पाले में करने के प्रयास में जुटी हुई है।

पूर्व सीएम मनोहर लाल से देवेंद्र के मधुर संबंध

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) और देवेंद्र बबली के बीच मधुर संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। जजपा हाईकमान से मतभेद के बाद निशान सिंह ने रातों रात छोड़ी थी जजपापूर्व विधायक निशान सिंह जननायक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक थे। उनकी वरिष्ठता के चलते ही उन्हें जजपा का प्रदेशाध्यक्ष पद सौंपा गया था।

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लगभग साढ़े चार साल जबतक भाजपा-जजपा गठबंधन (BJP-JJP Alliance)  सत्ता में रहा, तबतक निशान सिंह का कोई विवाद सामने नहीं आया। लेकिन गठबंधन टूटने के कुछ समय के बाद निशान सिंह और चौटाला परिवार अलग-अलग रास्तों पर चलने लगे। बताया गया है कि पिछले कुछ समय से जजपा हाईकमान और निशान सिंह के बीच मतभेद होने लगे थे।

निशान सिंह ने इसके चलते रातोंरात पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और पार्टी से ही अपना इस्तीफा दे दिया। उनका कहना था कि पार्टी के कुछ फैसलों में उनकी राय को नहीं माना गया। हालांकि दुष्यंत और निशान सिंह दोनों की ओर से पार्टी छोड़ने के असल कारणों पर खुलकर कुछ नहीं कहा गया।

टोहाना में भी कांग्रेस टिकट को लेकर होगी रस्साकशी 

फतेहाबाद की तरह अब टोहाना में भी कांग्रेस टिकट को लेकर होगी रस्साकशी कांग्रेस टिकट को लेकर पूरे फतेहाबाद जिले में सिर्फ फतेहाबाद विधानसभा में ही मुकाबला सामने आता था। रतिया में जरनैल सिंह और टोहाना में परमवीर ही सर्वमान्य कांग्रेस माने जाते रहे हैं और इनकी टिकट पर कभी संकट नहीं रहा।

लेकिन अब स्थितियां बदलनी तय हैं। निशान सिंह सत्ताधारी दल के प्रदेशाध्यक्ष पद छोडक़र भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के मार्फत ही कांग्रेस में आए हैं। उधर परमवीर सिंह भी कांग्रेस के हुड्डा गुट से हैं। ऐसे में टोहाना में कांग्रेस टिकट को लेकर अब रस्साकशी होने के संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

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