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Haryana News: पहाड़ों में बारिश के चलते 24 घंटे में बढ़ा घग्गर नदी का जलस्तर, किसानों की बढ़ी चिंताएं

फतेहाबाद में शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही लगातार बारिश के चलते घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। 24 घंटे में आठ गुना पानी बढ़ने से किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी है। पिछले साल जुलाई महीने में अधिक पानी आने के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई थी। इस बाढ़ के कारण 110 गांव प्रभावित हुए थे और करोड़ों का नुकसान हुआ था।

By Amit Kumar Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 13 Aug 2024 05:34 PM (IST)
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पहाड़ों में बारिश के चलते 24 घंटे में बढ़ा घग्गर नदी का जलस्तर।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। बीते दिनों से शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही लगातार भारी वर्षा के चलते जाखल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। नदी में पीछे से जलस्तर में एकाएक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

13 अगस्त को सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गुहला चीका हेड पर सुबह 31 हजार क्यूसेक से अधिक पानी दर्ज किया गया है, पीछे से पानी बढ़ने के चलते चांदपुरा साइफन हेड पर भी जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। इसे लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे साफ़ देखी जा रही है।

बता दें कि सोमवार सुबह जहां नदी का जलस्तर 300 क्यूसेक पानी ही चल रहा था। लेकिन मंगलवार को यह बढ़कर 2500 क्यूसेक तक पहुंच गया है। ऐसे में 24 घंटे में आठ गुना बढ़ गया है। आने वाले दिनों में फिर से वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो किसान चिंतित हो सकते है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से वर्षा का पानी घग्गर नदी के जरिए जाखल क्षेत्र में पहुंचना शुरू हो गया है। नदी की जल क्षमता से फिलहाल जलस्तर अपेक्षाकृत कम है, वहीं अधिकारी उचित प्रबंधन होने की बात भी कह रहे है।

घग्गर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक

जाखल से होकर गुजरने वाली घग्गर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक है, ऐसे में इसके सहायक रंगोई नाले की क्षमता 6000 क्यूसेक है। बता दे कि सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार गुहला चीका के साइफन हैड पर 31 हजार से ज्यादा क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है। अगर यह पानी की बढ़ोतरी दर्ज की जाती है तो किसानों को इसका सीधे तौर पर नुकसान होगा। अब पानी आने के कारण किसान धान में सिंचाई के रूप में प्रयोग कर रहे है।

दरअसल, यह नदी किसानों के लिए जीवनदायिनी से कम नहीं है। हर साल पानी आने के कारण किसान आसपास धान की रोपाई करते है। लेकिन पिछले साल बाढ़ के कारण किसान डरे हुए है।

मानसून में घग्गर नदीं में मंडराने लगता बाढ़ का खतरा

पिछले साल जुलाई महीने में आई थी बाढ़ जिले में घग्गर नदी टोहाना, जाखल और रतिया इलाके से होकर निकलती है। हर साल मानसून के नजदीक आते ही घग्गर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। अकेले फतेहाबाद जिले में करीब 84 किलोमीटर नदी बहती है। जिसमें से मुख्य गांव चिम्मों, तलवाड़ी, बुरथली, म्योदकलां, मुसाखेड़ा, बबनपुर, लांबा, नथ्थूवान, रतिया, बलियाला प्रमुख है।

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फतेहाबाद जिले के 114 गांव प्रभावित

पिछले साल जाखल क्षेत्र में घग्गर नदी टूटने के कारण पानी ओवरफ्लो हो गया था। इस बाढ़ के कारण फतेहाबाद जिले के 114 गांव प्रभावित हुए थे। इनमें 35 से 40 गांव ऐसे थे जो चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिर गए थे और सेना ने विशेष नौकाओं की मदद से लोगों को रेस्क्यू किया था। पिछले साल जहां बाढ़ आई थी वहां पर तटबंधों को मजबूत कर दिया गया है।

अब तक घग्गर नदी में छह बार आई बाढ़

  • साल 1983
  • साल 1993
  • साल 1995
  • साल 1998
  • साल 2010
  • साल 2023

अब जाने पिछले कुछ दिनों से घग्गर नदी में जलस्तर

तिथि           पानी

30 जुलाई  728 क्यूसेक

31 जुलाई  700 क्यूसेक

1 अगस्त    727 क्यूसेक

2 अगस्त    600 क्यूसेक

3 अगस्त    500 क्यूसेक

4 अगस्त    1980 क्यूसेक

12 अगस्त   300 क्यूसेक

13 अगस्त   2500 क्यूसेक

अब जाने घग्गर नदी की क्षमता घग्गर नदी की क्षमता

9000 चांदपुरा साइफन क्षमता : 22000 क्यूसेक

सिंचाई विभाग टोहाना के संजीव सिंगला ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में हुई वर्षा के कारण घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ा है। हमारी तैयारी पूरी है। पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिए थे। राहत की बात ये है कि पीछे वर्षा कम हो गई है। आने वाले दिनों में वर्षा नहीं होती है तो पानी और कम हो जाएगा।

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