ओसी के बाद निर्माण में बदलाव करने पर लगेगा अतिरिक्त जुर्माना
एचएसवीपी के सेक्टरों में ओक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) हासिल करने के बाद निर्माण में बदलाव करने पर अब लोगों को अतिरिक्त जुर्माना भी चुकाना होगा।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:01 PM (IST)
गौरव सिगला, नया गुरुग्राम
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टरों में ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) हासिल करने के बाद निर्माण में बदलाव करने पर अब लोगों को अतिरिक्त जुर्माना भी चुकाना होगा। संपदा अधिकारी-2 विवेक कालिया की तरफ से इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके प्रशासक के पास भेज दिया गया है। संपदा कार्यालय-2 के एसडीई सर्वे एचएस जाखड़ से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टरों में बनने वाले मकानों में ओसी के बाद अवैध निर्माण कर लिया जाता है या फिर रिहायशी प्रॉपर्टी को व्यावसायिक गतिविधि के लिए उपयोग किया जाता है। इस संबंध में कार्रवाई के लिए विभाग के पास आरडब्ल्यूए, निवासी व सीएम विडो के माध्यम से लगातार शिकायतें भी मिल रही है।
ऐसे मामलों में विभाग कार्रवाई के तौर पर 2 नोटिस भेजकर सुनवाई करता है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर मकानों के ओसी रद्द कर देता है। इस सूरत में मकान मालिक को अपनी प्रॉपर्टी को पूर्वावस्था में करना पड़ता है जिसके बाद विभाग ओसी को रीस्टोर करता है लेकिन अब विभाग ओसी रीस्टोर करने के समय जुर्माना राशि वसूलना शुरू करेगा। अब तक हुई कार्रवाई:-
367 मकानों को पहला नोटिस 190 मकानों को दूसरा नोटिस
अब तक 185 मकानों के किए ओसी रद्द इन सेक्टरों में हुई कार्रवाई सेक्टर-27, 28, 29, 30, 31-32ए, 38, 39, 40, 42, 43, 45, 46, 47, 51, 32, 55, 56, 57 के लगभग 367 मकानों पर कार्रवाई की जा चुकी है। सबसे अधिक मामले सेक्टर-38, 45, 46, 47, 51 व 52 के है। इनमें ओसी के बाद अवैध निर्माण और रिहायशी मकान का व्यवसायिक इस्तेमाल दोनों शामिल है। ओसी रद्द करने के लिए सर्वे से लेकर नोटिस प्रकिया और फिर रीस्टोर करने तक काफी प्रयास लगते है। ऐसे में रीस्टोर करने के समय मकान मालिकों पर नियंत्रण और अवैध निर्माण, व्यवसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जुर्माना लगाना अत्यंत आवश्यक है। प्रस्ताव बनाकर प्रशासक को भेज दिया गया है। विवेक कालिया, संपदा अधिकारी-2, एचएसवीपी इस संबंध में जल्द ही दोनो संपदा अधिकारियों के साथ बैठक कर जुर्माने की राशि परभी विचार करके मुख्य प्रशासक को स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। जितेन्द्र यादव, प्रशासक, एचएसवीपी
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