SARAS Mela 2024 : दीपावली पर मिल रही 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट, सजावटी सामान और कपड़ों की हो रही खूब बिक्री
गुरुग्राम जिला प्रशासन ने हरियाणा सरकार और ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से 13 अक्टूबर से सरस आजीविका मेला 2024 की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों को सशक्त बनाना और पर्यावरण के अनुकूल दीवाली मनाने को बढ़ावा देना है। यहां पर विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित सामान को खरीदा जा सकता है। दीवाली को देखते हुए दुकानदार खरीदारों को 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। सरस आजीविका मेला 2024 में रविवार को सुबह से लेकर देर रात तक चहल-पहल बनी रही। दीपावली के लिए लोगों ने अपने घर सजाने के लिए सामान लिए तो खुद भी सरस मेले के सामान से सजने की तैयारी में दिखे। सजावटी सामान और कपड़ों की खूब बिक्री हुई।
इस बार ग्रामीण भारत की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लखपति दीदियां अपने अनूठे उत्पादों के साथ पहुंची हैं। मेले में दीपावली के खास अवसर पर महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों पर 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट ने लोगों को खासा आकर्षित किया।
लेजर वैली ग्राउंड में चल रहे सरस मेले में सामान देखते प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीरसिंह। सौ. पीआरओग्रामीण क्षेत्रों की लखपति दीदियां द्वारा बनाए गए उत्पादों में घरेलू सजावट, हैंडीक्रॉफ्ट, आभूषण, और खाद्य सामग्री जैसी चीजें शामिल हैं। इस छूट का उद्देश्य ग्राहकों को स्थानीय उत्पादों से जोड़ना और उनकी खरीदारी में बढ़ावा देना है।
महके हैंडमेड साबुन और शैंपू
सरस मेले में हैंडमेड साबुन और शैंपू इन दिनों चर्चा में है। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव की रहने वाली मुमताज ने हैंडमेड साबुन और शैंपू तैयार किए हैं। यह साबुन पूरी तरह से केमिकल फ्री हैं और त्वचा के हिसाब से तैयार किए गए हैं।वह गुलाब, खीरा, एलोवेरा, पुदीना, अमरबेल, चारकोल, खुबानी समेत अन्य फ्लेवर के साबुन तैयार करती हैं। कुछ साबुन स्पेशल आर्डर पर तैयार किए जाते हैं जिनमें नारियल के पीस समेत अन्य फूल साबुत डाले जाते हैं। 30 से लेकर 110 रुपये तक के साबुन हैं। इसके अलावा हैंडमेड शैंपू और हेयर आयल भी तैयार करती हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।लखपति दीदी ने हैंड पेंटिंग में बनाई पहचान
सरस मेले की लखपति दीदी बिस्मिता ने पिछले 15 वर्षों में लैंप साइट, पट चित्र, कोयर, चांदुआ, रिंग्स, मंदिर, बुकमार्क, और ताल पत्र पर हैंड पेंटिंग में अपनी पहचान बनाई है। वह रामायण और महाभारत की कलाकृतियों के साथ-साथ जगन्नाथ और कृष्ण की मूर्तियां भी बनाती हैं।दूसरी ओर, स्वाति ज्वैलरी के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से सक्रिय हैं। वह रियल पर्ल और रियल स्टोन ज्वैलरी में विशेषज्ञता रखती हैं। उनके बनाए ब्रेसलेट, इयररिंग्स, मालाएं काफी पसंद की जा रही हैं। सरस मेले में अभी दो ही दिन बचे हैं लेकिन लोगों का उत्साह इस मेले को लेकर बढ़ता जा रहा है।मेले में आकर काफी अच्छा लगा। यहां एक से बढ़कर एक कलाकृति देखने को मिली। कहीं रामलला की मूर्तियां सज रही हैं तो कहीं विभिन्न प्रदेशों के व्यंजन महक रहे हैं। - नवीन