Air Pollution पर सरकार फेल, सड़क पर उतरे लोगों ने कहा- 'आखिर प्रदूषण से कौन हमें बचाएगा'
Protest Against Pollution सरकारी सिस्टम के द्वारा वायु प्रदूषण के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने में हो रही देरी और दिन-प्रतिदिन बढ़ती समस्या लोगों को परेशान कर रही है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 17 Nov 2019 04:58 PM (IST)
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। Protest Against Pollution: दिल्ली समेत पूरा एनसीआर प्रदूषण की चपेट में है। हर तरफ प्रदूषण ही प्रदूषण है। सरकारी महकमे के द्वारा कारगर उपाय नहीं करने के कारण लोग खफा हैं। प्रदूषण से परेशान लोग अब सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन करना शुरू कर चुके हैं। गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क के निकट लोगों ने एकत्र होकर जानलेवा वायु प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन
किया। लोगों ने कहा हवा जहरीली हो रही और प्रशासनिक अधिकारी रोकने के लिए खाना पूर्ति कर रहे हैं।
सख्त कार्रवाई की मांगलोगों ने कहा कि पराली जलाने, कूड़ा जलाने, निर्माण कार्य नियमों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन में आइएम गुड़गांव, सिटिजन फॉर क्लीन एयर, नेसकॉम हरियाणा, गुड़गांव मॉम्स व कई आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि से लेकर महिला, बच्चे, युवा व बुजुर्ग, डॉक्टर व विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत लोग शामिल हुए।
बढ़ रही मरीजों की संख्याबता दें कि शहर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण सांस की बीमारी के अलावा लोग अन्य बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। जिन इलाकों में वायु प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है वहां रहने वाले लोगों के लिए अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा अधिक है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर ऐसे लगातार वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा, तो अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा अधिक होगा। यह कहना है कि वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रहमदीप का।
अल्जाइमर और डिमेंशिया बीमारी स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ और नगर निगम के सीएमओ डॉ. ब्रह्मदीप सिंधू का कहना है कि अल्जाइमर और डिमेंशिया बीमारी लगभग एक जैसी हैं। इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन हम मरीज को नॉर्मल स्थिति में ले आते हैं। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो मरीज को लंबे समय के बाद ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
बढ़ रही नए रोगियों की संख्याप्रदूषण के चलते इस बीमारी के रोगी भी शहर में बढ़ रहे हैं। पहले पांच से छह मरीज आते थे पर अब ज्यादा मरीज हैं। जो पहले से पीड़ित थे उनकी परेशानी बढ़ी है कुछ नए मरीज भी सामने आए हैं। बीमारी की चपेट में आने से मरीज को भूलने की आदत हो जाती है। ऐसे मरीज को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है बस डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।2022 तक देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को करना होगा ये बड़ा बदलाव, नहीं तो लग जाएगा ताला
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